मान्यवर:-केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट में नियुक्ति घोटाले का पर्दाफाश करते हुए पांच कांस्टेबलों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने बताया कि नक्सल-रोधी कमांडो यूनिट में असफल उम्मीदवारों को भर्ती कराने के नाम पर इन आरोपियों ने रिश्वत ली। कोबरा मुख्यालय से एक उम्मीदवार की शिकायत पर सीबीआई ने यह कार्रवाई की है।
शिकायत में कहा गया है कि भर्ती होने से पहले कोबरा स्कूल ऑफ जंगल वारफेयर एंड टैक्टिस में प्रशिक्षण के लिए गए कुछ कांस्टेबलों ने आरोप लगाया है कि कोबरा यूनिट में एक आपराधिक नेटवर्क चल रहा है जिसके जरिये असफल उम्मीदवारों से भर्ती के लिए रिश्वत ली जाती है। जांच एजेंसी ने इस आरोप में सामान्य ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शशि कंवर, राहुल राठी, मनोज कुमार, मोहित कुमार राठी, वेलू मुरुगन और पूर्व कांस्टेबल संदीप कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने आरोपियों के दिल्ली, हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश के बागपत सहित पांच ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
जांच में पता चला है कि आरोपी मोहित कुमार राठी ने अपने साथ प्रशिक्षण ले रहे उम्मीदवार कंपिला मुगलैया से संपर्क किया, जो अंतिम परीक्षा में असफल हो गए थे। राठी ने उन्हें कंवर के साले नरवीर सिंह के बैंक खाता संख्या देते हुए चयन पक्का हो जाने का आश्वासन दिया। मुगलैया ने इस खाते में 35 हजार रुपये डाल दिए। बाद में सीआरपीएफ को ऐसे कई मामलों का पता चला, जिनमें आरोपी कांस्टेबलों ने असफल उम्मीदवारों से संपर्क कर कमांडो यूनिट में चयन पक्का कराने का आश्वासन देते हुए नरवीर सिंह और अन्य के खाते में रकम डलवाई थी।
सीआरपीएफ मुख्यालय में तैनात मनोज कुमार नियुक्ति से पहले प्रशिक्षण पाने वाले कांस्टेबलों की फाइल निकाल कर खेल करता था। कंवर असफल उम्मीदवारों से साले के खाते में रकम मिलते ही मनोज को जानकारी देता था। इसके बाद मनोज असफल उम्मीदवारों को कमांडो में शामिल करने में मदद करता था।