मान्यवर:-श्रीनगर शहर में अल्पसंख्यक समुदाय के दो शिक्षकों की हत्या के बाद शुक्रवार की देर शाम नटिपोरा इलाके में मुठभेड़ में लश्कर-ए-ताइबा के आतंकी आकिब कुमार को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। शोपियां के ट्रेंज गांव निवासी आकिब नवंबर 2020 से सक्रिय था। उसके पास से एक एके 47 राइफल, दो मैगजीन तथा फलों से भरा एक पिट्ठू बैग बरामद किया गया है। एक अन्य आतंकी मौके से भाग निकला।
नटिपोरा इलाका रात लगभग पौने नौ गोलियों की गूंज से दहल गया। गोलीबारी करीब 15 मिनट तक जारी रही। इस दौरान सभी दुकानें बंद हो गईं और इलाके में सन्नाटा पसर गया। श्रीनगर में हाल ही में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बल सतर्क हैं। उधर, श्रीनगर के मेथन में एक और मुठभेड़ जारी है।
वहीं, श्रीनगर के सफाकदल इलाके में आतंकियों ने सात अक्तूबर की देर शाम को ग्रेनेड हमला किया था। यह हमला बारीपोरा ईदगाह इलाके में सीआरपीएफ कैंप के बाहर हुआ था। खास बात ये रही कि हमले में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था। हमलावरों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर अभियान चलाया गया।
अनंतनाग में नाके पर गाड़ी नहीं रोकी तो सुरक्षाबलों ने मारी गोली, एक की मौत
अल्पसंख्यक समुदाय के दो शिक्षकों की हत्या के बाद सतर्क सुरक्षा बलों की ओर से अनंतनाग में नाके पर गाड़ी नहीं रोकने पर की गई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। बताते हैं कि सुरक्षा बलों ने मोंगहाल पुल के पास नाका लगाया था। इस दौरान एक सिल्वर रंग के स्कार्पियो को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन चालक ने गाड़ी नहीं रोकी। संदिग्ध गतिविधियों की आशंका में चेतावनी देते हुए सुरक्षा बलों ने फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति मारा गया। फिलहाल उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
बताया जा रहा है कि आतंकी संगठनों ने एक हिटलिस्ट बनाई है, जिसमें घाटी के 90 से अधिक लोग हैं। आतंकियों की हिटलिस्ट में कुछ पत्रकार भी हैं। कश्मीरी पंडित समुदाय की सबसे बड़ी संस्था पनुन कश्मीर के अध्यक्ष वीरेंद्र रैना ने कहा कि गैर मुस्लिमों पर हमले 1990 के उस दौर की याद दिलाता है जहां निहत्थे लोगों को उनके धर्म के आधार पर मारा जाता था। जो कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का कारण बना। उन्होंने कहा कि सरकार को पंडितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा।