मान्यवर:-जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में एक दहशतगर्द मारा गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जवान मोर्चे पर हैं। मारे गए आतंकी की पहचान नहीं हो पाई है।
आपको बता दें कि सेना और सुरक्षा बलों की सख्ती से बौखलाए आतंकी नागरिक ठिकानों के साथ-साथ सेना के लोगों को भी अपना निशाना बनाते हुए हमला कर रहे हैं। हालांकि अभी इस मुठभेड़ के बार में कोई विस्तृत जानकारी नहीं मिली है।
आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर ए ताइबा कश्मीर में जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने का जाल बुन रहे हैं। आतंकी संगठन मजबूर और गरीब तबके के युवाओं को टारगेट कर उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हैं। यह खुलासा उत्तरी कश्मीर के सीमांत जिले बारामुला के उड़ी सेक्टर में कुछ दिन पहले दबोचे गए लश्कर के पाकिस्तानी आतंकी बाबर ने किया है।
बाबर ने पूछताछ में बताया कि वह दीपालपुर का रहने वाला है। उसके परिवार में विधवा मां और एक गोद ली हुई बहन है। परिवार निम्न वर्ग से ताल्लुक रखता है जो बमुश्किल अपने दोनों वक्त की रोटी को पूरा कर पाता है। गरीबी से बचने के लिए उसने सातवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। आईएसआई और लश्कर के लिए काम करने वाले एक लड़के से सियालकोट में एक फैक्ट्री में काम करते हुए मुलाकात हुई थी। उसने बताया कि यतीम और जरूरतमंदों लड़कों को ही लश्कर में शामिल किया जाता है। बाबर के मुताबिक पिता का इंतकाल हो चुका था। ।
घर में कमाने वाला अकेला था। इसलिए पैसों के लिए कश्मीर में जिहाद के लिए तैयार हो गया | आत्मसमर्पण करने वाले आतंकी ने बताया कि अतीकुर रहमान उर्फ कारी आनस निवासी गांव पिंडी जिला अटॉक पंजाब (पाकिस्तान) ने उसे उसकी मां के इलाज के लिए 20 हजार रुपये दिए थे और उसे 30 हजार रुपये और देने का वादा किया था। बाकी का पैसा बारामुला के पट्टन में सप्लाई का सामान पहुंचाने के बाद सुरक्षित वापसी पर दिया जाना था।