मान्यवर:-राजस्थान में रीट परीक्षा से दो दिन पहले बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। 26 सितंबर को होने वाली रीट परीक्षा में गरीब छात्रों को पास कराने के लिए फर्जी अभ्यर्थी बनाकर बैठाने के मामले में राजस्थान पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। सरकारी शिक्षक पर फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के एवज में हर अभ्यर्थी से 5 से 8 लाख रुपये लेने का आरोप है।
पुलिस की कार्रवाई में सरकारी टीचर के कमरे से 12 से 17 लाख रुपये, फर्जी आधार कार्ड, एडमिट कार्ड और रीट समेत अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। शुरुआत जांच में राजकीय उतकृष्ट प्राथमिक विद्यालय कड़वासफला डूंका में पदस्थ शिक्षक भंवरलाल विश्नोई मूल रूप से बाड़मेर का रहने वाला है। रीट परीक्षा के दिन डमी अभ्यर्थी को बैठाने की तैयारी कर रहा था।
सीमलवाड़ा डीएसपी रामेश्वरलाल ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर सरकारी शिक्षक के कमरे की तलाशी ली गई थी। शिक्षक फर्जी परीक्षार्थी बैठाने की एवज में अभ्यर्थियों से मोटी रकम ले रहा था। शिक्षक पीठ कस्बे में एक कॉम्प्लेक्स में रहता है। इस पर डीएसपी के नेतृत्व में धंबोला थाना प्रभारी रमेश कटारा की टीम ने पीठ कस्बे में कॉम्प्लेक्स पर छापेमार कार्रवाई की।
पुलिस की टीम ने जब कमरे की तलाशी ली तो उसमें करीब 12 लाख रुपये कैश और 7.50 लाख रुपये के चेक भी मिले। डीएसपी ने बताया कि कमरे से मिले 8 आधार कार्ड में दूसरे लोगों के नाम-पते हैं, लेकिन इन सभी पर शिक्षक भंवरलाल के फोटो लगे हुए हैं। इसके अलावा रीट परीक्षा के करीब 10 अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र, मार्कशीट, ओएमआर शीट समेत अन्य कई दस्तावेज मिले हैं। इसमें पटवारी भर्ती और एसआई परीक्षा से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।