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जम्मू-कश्मीर में चिनाव नदी पर बन रही किरू जलविद्युत परियोजना के डिजाइन को लेकर पाकिस्तान की आपत्ति को भारत ने किया खारिज

मान्यवर:-जम्मू-कश्मीर में चिनाव नदी पर बन रही किरू जलविद्युत परियोजना के डिजाइन को लेकर पाकिस्तान की आपत्ति को भारत ने खारिज कर दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इस 624 मेगावाट की विशाल परियोजना का डिजाइन पूरी तरह से सिंधु जल संधि के प्रावधानों के अनुरूप है। भारत के सिंधु आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना ने कहा कि मेरे पाकिस्तानी समकक्ष सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह ने पिछले सप्ताह परियोजना के डिजाइन पर आपत्ति जताई थी।

लेकिन हमारा डिजाइन पूरी तरह से सिंधु जल संधि के प्रावधानों का पालन करता है। इसे केंद्रीय जल आयोग ने प्रमाणित किया है, जो देश में जल संसाधन क्षेत्र का सर्वोच्च संगठन है। उन्होंने कहा, एक जिम्मेदार ऊपरी तटवर्ती देश होने के चलते भारत अपने अधिकारों के पूर्ण उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है और पाकिस्तान पक्ष की तरफ से उठाए गए मुद्दों का संधि की संपूर्ण भावना के तहत सौहार्दपूर्ण हल में यकीन रखता है।

उन्होंने कहा, पाकिस्तान की तरफ से उठाई गई आपत्ति पर स्थायी सिंधु आयोग की इस साल पाकिस्तान में होने वाली अगली बैठक में बात की जाएगी। आगामी बैठक में भारत अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा और उम्मीद है कि पाकिस्तान भी ऐसा ही करेगा और सभी संशय बातचीत से दूर कर लिए जाएंगे।

किरू परियोजना का निर्माण चिनाव वैली पॉवर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कर रही है, जो नेशनल हाइड्रोपॉवर कंपनी और जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम का संयुक्त उपक्रम है। इस परियोजना पर पाकिस्तान 1960 में दोनों देशों के बीच की गई सिंधु जल संधि के तहत आपत्ति जता रहा है।

तीन पूर्वी नदियों सतलुज, व्यास व रावी और तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम व चिनाव के पानी के भारत-पाकिस्तान में बंटवारे को लेकर की गई संधि पड़ोसी देश को किसी भी भारतीय परियोजना की जानकारी दिए जाने के तीन महीने के अंदर डिजाइन पर आपत्ति उठाने का अधिकार देती है। भारत ने पाकिस्तान को किरू परियोजना के बारे में जून में जानकारी दी थी।