मान्यवर:-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पंजाब के पानी के 93 हजार अवैध कनेक्शन वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। कैबिनेट की बैठक में अनाधिकृत पानी के कनेक्शनों को नियमित करने की मंजूरी दे दी गई है। साथ ही जल आपूर्ति और सीवरेज के खर्चों के बकाए की वसूली के लिए एक मुश्त निपटारा नीति (ओटीएस) भी मंजूर कर दी गई है। इस फैसले से शहरी स्थानीय संस्थाओं (यूएलबी) की आमदनी में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार घरेलू श्रेणी के अंतर्गत 125 वर्ग गज के प्लाट के लिए जल आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन को नियमित करने के लिए एक बार की फीस के तौर पर 200 रुपये प्रति कनेक्शन (जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 100-100 रुपये), 125 से 250 वर्ग गज के प्लाट के लिए 500 रुपये प्रति कनेक्शन (जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 250-250 रुपये) और 250 वर्ग गज से अधिक के प्लाट के लिए 1000 रुपये प्रति कनेक्शन (जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 500-500 रुपये) लिए जाएंगे।
व्यापारिक, संस्थागत श्रेणी में, 250 वर्ग गज तक के प्लाट के लिए 1000 रुपये प्रति कनेक्शन (जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 500-500 रुपये) और 250 वर्ग गज से अधिक के प्लाट के लिए 2000 रुपये प्रति कनेक्शन (जल आपूर्ति और सीवरेज के लिए 1000-1000 रुपये) चार्ज किए जाएंगे। नोटिफिकेशन की तारीख के तीन महीनों के अंदर फीस जमा करवा दी जाती है तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। जो तय समय में अपना कनेक्शन नियमित नहीं करवाते तो उनके कनेक्शन को नियमित करने के लिए तय शुल्क पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा।
जो उपभोक्ता नोटिफिकेशन की तारीख से छह महीनों के अंदर अपना कनेक्शन नियमित नहीं करवाते, उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा और बकाया उपभोक्ता खर्चों पर बनता जुर्माना और ब्याज लगाया जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए कारोबार को आसान बनाने के लिए कैप्टन ने उद्योग लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की सूची को मंजूरी दे दी है। इस कदम से एनओसी संबंधी कारोबार को आसान बनाने में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है। इसके साथ ही पंजाब एग्रो जूस लिमिटेड और पैगरैकसो के विलय को भी मंत्रिमंडल में हरी झंडी मिल गई है।
विलय के बाद इस इकाई को पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा। कैबिनेट ने सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर और पटियाला में सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टरों के प्रमोशन कोटे में रिक्त पदों को सीधी भर्ती कोटे में बदलने का फैसला किया है। इस फैसले में इन महाविद्यालयों के विभिन्न विभागों में ऐसे 80 रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति भी दी गई। इन सभी पदों को पंजाब लोक सेवा आयोग के दायरे से हटाकर डॉ. केके तलवार कमेटी के माध्यम से भरने का भी निर्णय लिया गया।