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डी. ए. वी. कालेज‌ जालन्धर‌ द्वारा‌ ‘लोक‌व्यवहार‌ में शब्दशक्तियों ‌का‌ प्रयोग’ विषय‌ पर‌ वेबिनार‌ का‌ आयोजन।

जालंधर(मान्यवर):-प्राचार्य‌ एस. के. अरोड़ा ‌के‌ प्रगतिशील ‌नेतृत्व‌ में स्नातकोत्तर‌ संस्कृत‌ विभाग‌ द्वारा‌ ‘लोक‌व्यवहार‌ में शब्दशक्तियों ‌का‌ प्रयोग’ विषय‌ पर‌ एक‌ वेबिनार‌ का‌ आयोजन हुआ, जिसमें मुख्य‌ वक्ता‌ के‌ रूप‌ में दिल्ली विश्वविद्यालय‌ से संस्कृत विभाग‌ के वरिष्ठ‌ प्राध्यापक डॉ वेद‌ प्रकाश‌‌ डिंडोरिया‌ सम्मिलित‌ हुए, कालिदास‌ संस्कृत परिषद्‌ के‌ अध्यक्ष‌ तथा‌ कार्यक्रम‌ के‌ संयोजक प्रो.विवेक‌ शर्मा‌ ने‌ विधिवत्‌ कार्यक्रम‌ का‌ आरम्भ‌ करके‌ मुख्यवक्ता‌ का‌ स्वागत‌ करते‌ हुए‌ उन्हें मूर्धन्य काव्यशास्त्रज्ञ‌ विद्वान्‌ तथा‌ साहित्यमर्मज्ञ ‌बताया | महाविद्यालय ‌की‌ ओर‌ से‌ संस्कृत विभाग‌ की‌ अध्यक्षा‌ डॉ जीवन‌ आशा ने‌ मुख्य वक्ता‌ का‌ स्वागत‌ करते‌ हुए‌‌ उनकी‌ शैक्षणिक-उपलब्धियों से‌ श्रोताओं ‌को‌ अवगत‌ करवाया|

मुख्यवक्ता‌ डॉ वेद‌ प्रकाश‌ ने‌ निर्धारित‌ विषय‌ को‌‌ छात्रों और‌ भाषा शिक्षक दोनों के‌ लिए‌ समान रूप‌ से‌ उपयोगी‌ बताया, उन्होंने लोक‌ व्यवहार ‌में प्रयोग‌ होने‌ वाले‌ शब्दों में ये‌ शब्दशक्तियां‌ कैसे‌ कार्य‌ करती‌ हैं और‌ काव्य‌ में किस‌ प्रकार‌ से‌, इस‌ अन्तर‌ को‌ बड़े ‌सरल‌ ढंग‌ से‌ अनेक‌ उदाहरणों सहित‌ स्पष्ट किया | निर्धारित विषय का‌ विशद‌ विवेचन‌ करते‌ हुए मुख्यवक्ता‌ ने कहा कि शब्द शक्तियों के‌ व्यापार‌ के‌ बाद‌ ही शब्द‌ में से अर्थ‌ प्राप्त होता‌ है और‌ शब्द को‌ वाचक/लाक्षणिक/व्यञ्जक‌ नाम से जाना जाता है, मुख्यवक्ता‌ के‌ वक्तव्य के‌ पश्चाद्‌ निर्धारित विषय‌ से सम्बन्धित‌ एक‌ प्रश्नसत्र‌ का‌ भी‌ आयोजन‌ हुआ, जिसमें छात्रों द्वारा‌ पूछे गए प्रश्नों का‌ उत्तर देते हुए मुख्यवक्ता‌ ने‌ समाधाता के‌ रूप‌ में शंका समाधान भी किया |

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इस वेबिनार‌ में संस्कृत विभाग‌ की‌ प्राध्यापिका प्रो.ऋतु तलवाड़, आंग्ल विभाग से प्रो. नरेश शर्मा, पंजाबी विभाग‌ से‌ प्रो. राजन शर्मा, हिन्दी विभाग से डॉ विनोद विश्नोई, विश्वेश्वरानन्द शोध संस्थान (साधु आश्रम‌, होशियारपुर) से विभागाध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार षडंगी, स्वतन्त्रानन्दगिरि कॉलेज दीनानगर से प्रो. राजन हाण्डा, स्वामी प्रेमानंद कॉलेज मुकेरियां से प्रो. गोपी शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे, इसके‌ अतिरिक्त पंजाब प्रान्त के अनेक संस्कृत शिक्षकों, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से अनेक शोध छात्रों तथा संस्कृत प्रेमियों ने सोत्साह भाग ग्रहण किया | अन्त में वेबिनार के संयोजक प्रो. विवेक शर्मा ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने‌ वाले सभी के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।