प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) श्रीमती अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में, फ्रायडियन साइकोलॉजिकल सोसायटी ऑफ साइकोलॉजी विभाग ने “हैप्पीनेस फॉरएवर – लेट ‘क्रैक द कोड’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संसाधन व्यक्ति श्री अतुल मदान, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, श्रीमती सोनू अग्रवाल, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और डॉ. कमलप्रीत सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ थे। उनका स्वागत पीजी प्रमुख डॉ. अशमीन कौर ने किया। प्रेम और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में एक प्लांटर के साथ मनोविज्ञान विभाग। कार्यशाला में श्री अतुल मदान ने बताया कि जीवन कठिन है या आसान। अपेक्षाओं और कृतज्ञता की कमी के कारण लोग बहुत नकारात्मक हो जाते हैं। उन्होंने लोगों को माफ करने के बारे में भी बात की, इसलिए नहीं कि वे इसके लायक हैं, बल्कि इसलिए कि आप अपने मन की शांति चाहते हैं। किसी समस्या की तीन कुंजी हैं – नियंत्रण, छोड़ें, स्वीकार करें।
इस सत्र के बाद न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई जिसमें श्रीमती सोनू अग्रवाल ने डिस्लेक्सिया, डिस्ग्राफिया और डिस्केल्कुलिया जैसी सीखने की अक्षमताओं और उनके इलाज के बारे में बात की। डॉ. कमलप्रीत सिंह ने एडीएचडी के बारे में बात की जिसमें उन्होंने तीन प्रकार के एडीएचडी और उनके इलाज के बारे में बात की। प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. अजय सरीन ने इस पहल की सराहना की और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पैदा करना समय की जरूरत है और ऐसे प्रासंगिक विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए मनोविज्ञान विभाग को बधाई दी। सुश्री अनुष्का, बी.ए. मंच संचालन सेमेस्टर 3 ने किया। सुश्री दृष्टि बी.ए. सेमेस्टर 3 ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर सुश्री श्रुति बिदानी, सुश्री अंजलि नंदन, सुश्री निधि
शर्मा एवं सुश्री वंशिका ने कार्यशाला में भाग लिया।
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