एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर के न केवल विद्यार्थी बल्कि प्राध्यापकवृंद भी निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर रहते हुए कुछ न कुछ उपलब्धियां प्राप्त करते ही रहते हैं। कॉलेज के विभिन्न विभागों के 18 प्राध्यापकवृंद ने स्वयं नैपटल (National programme on technology Enhanced learning )के विभिन्न विषयों ‘फोक एंड माइनर आर्ट इन इंडिया,’ ‘डेवलपिंग सॉफ्ट स्किल्स एंड पर्सनैलिटी,’ ‘एनहांसिंग सॉफ्ट स्किल्स एंड पर्सनैलिटी,’ थ्रैडस आफ विजुअल एक्सप्रेशंस: टैक्सटाइल्स एंड एलाइड प्रैक्टिसेज,’साइकोलॉजी आफ स्ट्रेस:हेल्थ एंड वेल बीइंग साइकोलॉजी ऑफ़ लर्निंग,’ ‘एडवांस्ड प्रोबेबिलिटी एंड स्टैटिसटिक्स’,’एसेंशियल आफ डाटा साइंस विद आर सॉफ्टवेयर:प्रोबेबिलिटी एंड स्टैटिसटिक्स इंटरफेयरैंस,’फाइनेंशियल अकाउंटिंग,’ इंट्रोड्यूजि़ग मॉडर्न वेस्टर्नऑर्ट: मूवमेंट एंड आर्टिस्ट, कंजर्वेशन इकोनॉमिक्स, आन लाइन कोर्सज़ करके श्रेष्ठ रैंक प्राप्त करके अपनी प्रतिभा को सिद्ध किया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने सभी टीचर्स को बधाई देते हुए कहा कि नैपटल स्वयं का कॉलेज के पास लोकल चैप्टर है जो 2018 में स्थापित किया था जिसके SPOC (Single point of Contact) डॉ केवल कृष्ण नैलवाल है, डॉक्टर ढींगरा ने कहा कि स्वयं भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ऐसा प्रोग्राम है जिसको शिक्षा नीति के तीन सौहार्दपूर्ण सिद्धांतों पहुंच, समानता और गुणवत्ता को आत्मसात करते हुए न केवल स्वयं उससे जुड़ना है बल्कि श्रेष्ठ शिक्षण संसाधनों से उन विद्यार्थियों को भी जोड़ना है जो अभी तक सूचना क्रांति से अपरिचित हैं। उन्होंने स्वयं नैफ्टल का कोर्स करने वाले प्राध्यापकों डॉ जीवन कुमारी, मैडम मीरा अग्रवाल, डॉ रूपाली सूद, डॉ रिंपी अग्रवाल, डॉ मोहिद्र मस्ताना,मैडम रजनी गुप्ता, डॉ मोनिका आनंद डॉ गगन गंभीर, डॉ केवल कृष्ण नैलवाल, डॉ सिम्की देव, मैडम रजनी कुमार, डॉ नवजोत देओल, मैडम लवप्रीत कौर, मैडम अनुराधा, डॉ सबीना वर्मा,मैडम मीनल,मैडम कोमल, मैडम जगमीत को इस शानदार सफलता पर बधाई देते हुए भविष्य में और भी कोर्सज़ करते रहने के लिए प्रेरित किया।
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