जालंधर (ब्यूरो):- कनाडा से करीब 700 छात्रों को सरकार डिपोर्ट करने जा रही है। पंजाब के जालंधर के एक एजेंट ने छात्रों को फर्जी ऑफर लेटर मुहैया करवा कनाडा कॉलेज में दाखिला दिलवा दिया। कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी (सीबीएसए) ने 700 भारतीय छात्रों को चिट्ठी जारी कर कहा की कि उन्हें अब भारत वापस जाना पड़ेगा।
इन छात्रों के पास अब सिर्फ कोर्ट में नोटिस को चुनौती देने का रास्ता बचा है, जिसकी सुनवाई में 3 से 4 साल लग सकते हैं।
16 से 20 लाख प्रति छात्र लिए
बताया जा रहा है कि 700 छात्रों ने जालंधर स्थित एजुकेशन माइग्रेशन सर्विस सेंटर के जरिए स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन किया था। हंबर कॉलेज में प्रवेश के लिए प्रति छात्र 16 से 20 लाख रुपए लिए गए थे। साथ में हवाई टिकट और सुरक्षा खर्च अलग थे।
पीआर के लिए आवेदन किया था
छात्रों ने कहा कि जब वह विदेश पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि कॉलेज की सभी सीटें भर चुकी हैं और छात्रों को अगले सेमेस्टर तक 6 महीने तक इंतजार करना होगा। इन छात्रों को एजेंसी ने फीस वापस कर दी और अगले सेमेस्टर के लिए दाखिल करवाया गया। छात्रों ने पढ़ाई पूरी की। वर्क एक्सपीरियंस हासिल कर पीआर के लिए आवेदन किया।
दस्तावेज जांचने पर खुलासा
पीआर के समय जब सीबीएसए ने उनके दस्तावेजों की जांच की तो सामने आया कि छात्रों को जो ऑफर लेटर एजेंट ने मुहैया करवा वह फर्जी थे। इसलिए इन सभी छात्रों को डिपोर्ट करने के लिए पत्र या नोटि दिए गए हैं। छात्रों ने जालंधर के कार्यालय में संपर्क किया तो एजेंट के दफ्तर का ताला लगा मिला। बताया जा रहा है कि एजेंट भाग गया है।