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चंडीगढ़ के पुलिसकर्मी बने किडनैपर डॉक्टर को अगवा कर रिकॉर्ड नष्ट किया हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को केस दर्ज के दिए आदेश

जालंधर (ब्यूरो):-  पंजाब पुलिस चंडीगढ़ के करीब 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करेगी। इन आरोपी पुलिसकर्मियों में कॉन्स्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक (क्राइम ब्रांच के पूर्व इंचार्ज) तक के अधिकारी शामिल हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के एक डॉक्टर को अगवा कर मोबाइल लोकेशन का रिकॉर्ड नष्ट करने पर पंजाब के DGP को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच चंडीगढ़ से बाहर करने का आदेश देते हुए DGP पंजाब को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही इस SIT की अगुआई SSP रैंक के अफसर से नीचे के अधिकारी से न करवाने को कहा है। दरअसल, चंडीगढ़ के जिन पुलिसकर्मियों पर आरोप हैं, उनमें कॉन्स्टेबल विकास हुड्डा, अनिल कुमार, अमितोज (बाद में ASI अजमेर) और क्राइम ब्रांच, यूटी के कॉन्स्टेबल सुभाष कुमार के अलावा इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों, सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार और सीनियर कॉन्स्टेबल नीरज शामिल हैं।

पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर को कोर्ट में नहीं होने दिया पेश दरअसल, हाईकोर्ट ने यह आदेश डॉक्टर मोहित धवन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका के अनुसार डॉक्टर अपने एक मामले की सुनवाई के लिए 7 जनवरी 2022 की सुबह करीब 10:30 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत जा रहे थे, लेकिन वह मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित हो पाते, इससे पहले ही चार पुलिसकर्मियों कॉन्स्टेबल विकास हुड्डा, अनिल कुमार, अमितोज और क्राइम ब्रांच, चंडीगढ़ के कॉन्स्टेबल सुभाष कुमार द्वारा उन्हें अगवा कर लिया गया।

पुलिस टीम ने स्वयं को कोर्ट में उपस्थित दिखाया चंडीगढ़ पुलिस की एक टीम द्वारा डॉक्टर को अगवा करने के बाद दूसरी पुलिस टीम ने स्वयं को कोर्ट रूम में उपस्थित दिखाया। इस दूसरी टीम में क्राइम ब्रांच के पूर्व इंचार्ज इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों, सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार और सीनियर कॉन्स्टेबल नीरज ने स्वयं को इलाका मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रतीक्षा करते दिखाया। नतीजतन डॉक्टर के कोर्ट में पेश नहीं होने पर जिला अदालत ने उनके खिलाफ कई आदेश पारित कर दिए।

केस का रिकॉर्ड नष्ट किया गया याची ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट कॉम्प्लेक्स के CCTV फुटेज व CDR के अलावा मोबाइल फोन के जियोसेट स्थानों को संरक्षित कर इस रिकॉर्ड को कोर्ट में पेश करने का आग्रह किया है, ताकि घटना की पुष्टि हो सके। लेकिन हाईकोर्ट द्वारा CCTV फुटेज व CDR के अलावा मोबाइल फोन के जियोसेट की जानकारी मांगने पर कुछ जानकारी नष्ट किए जाने का पता लगा। साथ ही पता लगा कि तथ्यों से छेड़छाड़ का प्रयास किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर अब इस मामले की जांच पंजाब पुलिस की SIT करेगी।