जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब के बठिंडा में दो दिन पहले आप पार्टी के विधायक अमित रतन को पकड़ने के लिए ही विजिलेंस ने ट्रैप लगाया था। रिश्वत के पैसे न पकड़ने से विधायक अमित रतन बच गए। उन्होंने रिश्वत के पैसों को अभी हाथ लगाया नहीं था।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस विधायक रत्न को पकड़ने के लिए पिछले कुछ महीनों से तैयारी कर रही थी। वहीं आप सरकार पर विपक्ष ने आरोप लगाए हैं कि सरकार विधायक रत्न को बचाने में लगी है।
बता दें इस इस केस में शिकायतकर्ता प्रितपाल उर्फ काका जो कि गांव घुदा की महिला सरपंच सीमा रानी के पति हैं, ने विजिलेंस के अधिकारियों के पास विधायक की शिकायत की थी। विधायक रत्न को काबू करने के लिए ट्रैप लगाने का फैसला अकेला बठिंडा विजिलेंस का नहीं था, उन्हें तो तीन दिन पहले ही इस संबंधी तैयारियां करने के लिए आदेश मिले थे। बताया जा रहा है कि विजिलेंस हेडक्वाटर से लेकर मुख्यमंत्री के दफ्तर तक पहले ही विधायक को पकड़ने की योजना बनकर तैयार थी।
DGP को पहले मामले से शिकायतकर्ता करवा चुका था अवगत सूत्रों के मुताबिक शिकायतकर्ता अपने एक साथी के साथ पहले ही DGP वरिंदर कुमार से अपनी बात रख चुका था, जिस कारण मुख्यमंत्री के दफ्तर से भी विभाग ने बातचीत कर रखी थी। बताया जा रहा है कि विधायक पर ट्रैप लगाने से पहले बकायदा विधायक की रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी, जो काफी नेगेटिव बताई जा रही है। इसके बाद ही विजिलेंस अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए छुट मिल गई थी।
15-15 हजार के दो रिकॉर्डर खरीदे विधायक और उसके साथी के साथ कथित पैसों के मामले में लेन-देन की हो रही बातचीत को रिकॉर्ड में लाने के लिए शिकायतकर्ता द्वारा 15-15 हजार के दो रिकॉर्डर भी खरीदें गए, जिनमें से एक गायब हो गया। जबकि उसमें काफी अहम बातें थी। विधायक को शक न हो इस कारण शिकायतकर्ता उससे नजदीकियां बनाता रहा। बताया जा रहा है जिस दिन ये कार्रवाई होनी थी उस दिन 2 डीएसपी रेंक के अधिकारी व करीब 24 अन्य अधिकारी तैयार थे।
अधिकारियों को 2 घंटे पहले बताया था इस योजना के बारे डीएसपी आदि को भी सीनियर अधिकारियों ने करीब 2 घंटे पहले ही बताया था। विजिलेंस हेडक्वाटर इस ऑपरेशन पर पूरी नजर जमाए था। रेशम गर्ग और विधायक की पल -पल की जानकारी हेडक्वाटर के पास थी।
रिश्वत लेकर गाड़ी में रखी थी जानकारी के मुताबिक PA रेशम सिंह ने रिश्वत की रकम लेकर गाड़ी में रख ली। उस वक्त विधायक कोटफत्ता गाड़ी से उतरकर कुछ लोगों से बातचीत कर रहे थे। विजिलेंस ने DSP संदीप सिंह की अगुआई में यह कार्रवाई की। गिरफ्तारी के दौरान PA रेशम सिंह ने भागने की भी कोशिश की, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद विधायक को भी टीम ने हिरासत में ले लिया।