जालंधर (ब्यूरो):- बंदी सिख बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने स्पष्ट पूछा कि केंद्र तक राजोआना मामले में पिटीशन का फेसला करेगी। अदालत ने केंद्र सरकार को 22 फरवरी को अपना जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि आखिर केंद्र सरकार राजोआना मामले की पिटीशन पर फैसला करने के लिए कितना समय चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 22 फरवरी तक का पूरा जवाब दाखिल करने के आदेश दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार राजोआना मामले में एक हलफनामा भी दाखिल कर चुकी है। जिस पर राजोआना की बहन व अकाली दल ने ऐतराज जताया था।
मामले को नाजुक बता झाड़ा था पल्ला केंद्र सरकार ने बलवंत सिंह राजोआना मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके कहा था कि पंजाब बॉर्डर एरिया है। राजोआना मामला नाजुक है। इसके लिए केंद्र सरकार इस पर फौरन फैसला नहीं ले सकती।
इसके बाद अकाली दल ने इस पर ऐतराज जताया था। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने केंद्र पर इलजाम लगाया था कि सरकार ने सिखों की पीठ पर छुरा घोंपा है। जिसके बाद राजोआना की बहन ने भी केंद्र के इस बयान का विरोध किया था।