जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब में शिक्षा विभाग का एक कारनामा सामने आया है। शिक्षा विभाग तो एक है लेकिन इसमें काम करने वाले लोगों को वेतन अलग-अलग दिया जा रहा है। अंतर भी कम नहीं बल्कि पूरे पांच हजार का है। एक ही विभाग के एक ही दफ्तर में दो-दो कानून चल रहे हैं। वेतन विसंगति का यह मामला सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा विभाग में काम करने वाले लेखाकारों में सामने आया है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले लेखाकारों की नियुक्ति एक ही माध्यम से हुई। पदनाम में भी कोई अंतर नहीं है यहां तक विभाग भी एक है। लेकिन जिला स्तर पर काम करने वाले लेखाकारों को ब्लाक स्तर पर काम करने वाले लेखाकारों की अपेक्षा पांच हजार रुपए अधिक वेतन मिल रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि दोनों को अलग-अलग हैड से वेतन दिया जा रहा है। एक को जिला स्तर पर मैनेजमेंट हेड से वेतन मिल रहा है जबकि शेष को अन्य हेड से वेतन दिया जा रहा है।
वेतन विसंगति दूर करने की लड़ाई लड़ रहे लेखाकार
शिक्षा विभाग में सर्वशिक्षा अभियान के तहत काम कर रहे अकाउंटेंट की तनख्वाह में अंतर को दूर कर सभी को एक समान वेतन देने की लड़ाई कई महीनों से लड़ रहे हैं। लेकिन विभाग अभी तक इसका कोई हल नहीं निकाल पाया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा और अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने वित्त विभाग को अंतर दूर करने के लिए लिखा है। लेकिन वित्त विभाग अभी लेखाकारों को इंसाफ नहीं मिला है।