जालंधर (ब्यूरो):- गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शाम सात बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगी। वह देश की आगामी योजनाओं पर बात कर सकती हैं। मुर्मू राष्ट्रपति बनने वाली पहली अनुसूचित जनजाति की महिला हैं। पिछले साल जुलाई में उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।
स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह पर पहली बार दिया था राष्ट्र के नाम संदेश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पहली बार राष्ट्र के नाम संदेश दिया था। अपने पहले संबोधन में उन्होंने महिलाओं के अधिकारों से लेकर आदिवासी समुदाय के योगदान तक पर बात की थी। वहीं, यह भी कहा कि कोरोना के दौर में जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी, तब भारत ने खुद को संभाला। अब भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
कोरोना के दौर की बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा था- हमने देश में बनी वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां दुनिया के विकसित देशों से बेहतर रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं को वोटिंग राइट्स हासिल करने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था, जबकि भारत ने गणतंत्र की शुरुआत से ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इससे शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला।