जालंधर (ब्यूरो): नीरज अरोड़ा जालन्धर की इंडस्ट्री को बचाने के लिए जीएसटी का 5 percent होना ही एकमात्र हल कपिल पूँछी एक बार फिर से रबर इंडस्ट्री पर सरकार के तुगलकी फ़रमानों ने जालंधर की हवाई चप्पल इंडस्ट्री को ख़त्म करने के कगार पर ला दीया है। जैसे की सब को पता है केंद्रीय सरकार ने 1-1-2022 से चप्पल पर जीएसटी को 5 percent से बढ़ा कर 12 कर दिया था।गरीब आदमी ही चप्पल पहनता है और इसका सीधा असर गरीब आदमी की जेब पर पड़ा।जिसके साथ ही चप्पल की सेल कम होनी शुरू हो गई और आज ये हालात है की फ़ैक्टरीज़ 5-6 घंटे चलानी मुश्किल हो गई है।
जैसे की पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है यहाँ पर आगे ही माल के आने जाने के कारण 5-7 परसेंट का फ़रक पड़ता है और अब जीएसटी बढ़ने के कारण पंजाब की चप्पल और महँगी हो गई। आगे ही कैमिकल्स की ज़बरदस्त फ़्लुक्च्यूशंस और बाज़ार में पैसे ना होने की मुश्किलात में इंडस्ट्री फस्सी हुए थी बाक़ी रहता सहता काम इस बढ़ी हुए जीएसटी ने कर दिया और आज इंडस्ट्री वेंटीलेटर पर पहुँच गई है।
रबर इंडस्ट्री पंजाब की सबसे पुरानी इंडस्ट्री है इस बाबत रबर फुटवियर मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन पंजाब सरकार से अपील करती है की वो इंडस्ट्री को बचाने के लिए जलद आगे आये और केंद्रीय सरकार से बात करे और जीएसटी को दोबारा 5 परसेंट पर लाये और जालंधर की इंडस्ट्री को बचाये नहीं तौ ताले लगने में टाइम नहीं लगेगा।
रबर फुटवियर मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन शुरू से ही इस की ख़िलाफ़त कर रही थी पर अब तौ पानी सर के उपपर से निकल चुका है इसलिए पंजाब सरकार जालंधर की इण्डस्ट्री को बचाये ताकि इतनी जायदा लोगो को रोज़गार दे रही इंडस्ट्री सड़क पर ही ना आ जाए
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इस बाबत रबर फुटवियर एसोसिएशन की एक एग्जीक्यूटिव मीटिंग स्थानीय होटल में बुलायी गई और इस मीटिंग में प्रधान नीरज अरोड़ा ने कहा की पंजाब की सबसे पुरानी इंडस्ट्री को बचाने के लिए मुख्यमंत्री मान साहिब को आगे आना होगा और सेंटर गवर्नमेंट से बात करनी होगी क्योंकि इस बढ़ी हुए जीएसटी से तौ जालंधर की इंडस्ट्री ख़त्म हो जाएगी क्योंकि सबसे पहले छोटी इंडस्ट्रीज़ ही ख़त्म होंगी।
सरकार को समझाना होगा की जीएसटी बढ़ा कर कोई भी फ़ायदा नहीं हुआ सरकार का उसका रेवन्यू नहीं बढ़ा। अगर काम होगा तभी सेल होगी और जीएसटी आएगा सरकार को। इसलिए हमारी पंजाब की सरकार से अपील है की आगे आ कर पंजाब की 65-70 साल पुरानी इंडस्ट्री को बचाये।