जालंधर (ब्यूरो): पंजाब के जालंधर में श्री सिद्ध बाबा सोढल मेले में आस्था का सैलाब रातभर बहा। दिन की अपेक्षा रात को श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा देखने को मिली। लोग घरों से बच्चों को लेकर निकले। माथा टेकने के लिए जो लाइन गुरुवार की रात बजे के बाद लगी थी वैसी ही लाइन शुक्रवार की रात को भी लगी रही। हालांकि शुक्रवार की सुबह सात-आठ बजे के करीब थोड़ी भीड़ कम हुई थी, लेकिन उसके बाद धूप बरसात की परवाह किए बगैर श्रद्धालुओं ने लाइनों में लगकर बाबा के दर्शन किए।
मेले में लगे झूले भी सारी रात चलते रहे और बाजार भी सारी रात खुले रहे। लोगों ने रातभर मेले में लगी दुकानों में खरीददारी की। मेले को लेकर महिलाओं में भी खासा उत्साह देखने को मिला। महिलाएं अपने बच्चों को साथ लेकर मंदिर में माथा टेकने के लिए आई हुई थीं। वैसे भी मेल की महत्ता बच्चों को लेकर ही है। लोग घर में बच्चों की रौनक, वंश वृद्धि के लिए बाबा के दरबार में आकर हजारी लगाते हैं और मनचाही मुराद पाते हैं।
मुरादें पूरी हो जाने पर ढोल-बैंड बाजों के साथ बच्चों को खुशी-खुशी साथ लाकर श्री सिद्ध बाबा सोढल के मंदिर में आकर माथा टेकते हैं। इसके बाद मंदिर परिसर में ही बने तालाब में जाकर बाबा सोढल की मूर्ति पर दूध चढ़ाकर एवं तालाब में दूध से बने अमृत का छींटा लेकर अपनी यात्रा को संपूर्ण मानते हैं। कई लोग तालाब से दूध रूपी अमृत को अपने साथ भी लेकर जाते हैं।
औलाद के सुख का मिलता है आशीर्वाद: श्री सिद्ध बाबा सोढल के मंदिर में लोगों को विश्वास है कि यहां पर औलाद का सुख मांगने पर मन्नत पूरी होती है। मेले में लोग औलाद सुख मांगने के लिए आते हैं। जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वह मेले में ढोल-बाजों के साथ बच्चों को लेकर मेले में आते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार जिस स्थान पर बाबा सोढल का मंदिर है वहां पर तालाब हुआ करता था। इसके किनारे मुनि तपस्या करते थे। बाबा सोढल की माता यहां पर मुनि की सेवा करती थी। माता के कोई औलाद नहीं थी। एक दिन मुनि ने भगवान विष्णु जी की अराधना कर खुश होकर माता को आशीर्वाद किया कि उनके यहां बेटे का जन्म होगा, लेकिन साथ ही शर्त रखी कि वह कभी उस पर गुस्सा नहीं दिखाएंगी।
किंवदंति के अनुसार जब बाबा सोढल पांच साल के थे तो एक दिन मां को उन पर गुस्सा आ गया। इस वह बाबा सोढल तालाब में आलोप हो गए। मां तालाब में बाबा के आलोप होने पर रोने लगी तो उन्होंने शेषनाग के रूप में दर्शन दिए। बाबा ने कहा- वह हमेशा आपके बीच रहेंगे। इस स्थान पर नतमस्तक होने वाले निस्तानों को औलाद सुख मिलेगा। बाबा सोढल की मान्यता आज लाखों भक्तों की मान्नतों में बदल चुकी है ।