मान्यवर चुनाव से पहले भी सरकार बनने के बाद भी विरोधी दल आरोप लगाते रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली से चलेगी। अब यह आरोप प्रमाणित भी होने लगे हैं। है। बेशक भगवंत मान को पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया है लेकिन फैसले सारे दिल्ली से हो रहे हैं। अब पंजाब में जो आम आदमी पार्टी ने तीन सौ यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया था उस संबंध में फैसला भी दिल्ली में होने जा रहा है। पिछले कल दिल्ली में प्रदेश के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, ऊर्जा सचिव दलीप कुमार और पीएसपीसीएल के चेयरमैन बलदेव सिंह सरन के साथ निशुल्क बिजली देने को लेकर चर्चा हुई। लेकिन बड़ी हैरानी बात है कि इस बैठक में न तो सूबे के मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद थे और न ही पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह। पंजाब राज्य में मुफ्त बिजली देने के फैसले पर दिल्ली में बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कर रहे थे। पंजाब के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पंजाब से तो कोई बड़ा नेता शामिल नहीं लेकिन दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन, राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा जरूर मौजूद थे।
दिल्ली में हुई बैठक पर कांग्रेस ने भी अब मोर्चा खोल दिया है। पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग जो कि कल खुद दिल्ली में हाईकमान के साथ बैठक करने गए थे ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि बिजली के मुद्दे को लेकर दिल्ली में पंजाब के अधिकारियों की हुई अधिकारिक बैठक जिसमें न तो मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद थे और न ही सूबे के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह। उन्होंने कहा कि क्या पंजाब की सरकार कठपुतली है, यह दिल्ली से चलेगी। पंजाब के अधिकारियों के साथ मीटिंग किस अधिकार के साथ दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा और सत्येंद्र जैन ने की। उन्होंने भगवंत मान से कहा है कि वह लोगों को इसका जवाब दें। अंत में अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ‘सर तो झुका दिया ही था अब माथा भी टेक दिया है क्या?’ लिखकर भगवंत मान पर कड़ी टिप्पणी की है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह के दिल्ली में हुई पंजाब के अधिकारियों की बैठक पर सवाल उठाए जाने बाद विधायक सुखपाल सिंह खैहरा भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने भी अपने प्रदान के ट्वीट को टैग करते हुए भगवंत मान से कहा कि वह इसका जवाब दें। उन्होंने कहा कि पंजाब के मामलों में बाहरी लोगों की दखलांदाजी नाकाबिले बर्दाश्त है। उन्होंने भगवंत मान से कहा कि वह अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनको (सीएम) और उनके मंत्री को दरकिनार करने वाले अधिकारियों को बी फटकार लगाएं।