मान्यवर कच्चे माल की दिन प्रतिदिन बढ़ रही कीमतों से इंडस्ट्री कराह उठी है। उद्योगपति तय तक नहीं पा रहे हैं कि माल तैयार करें या न करें। यही वजह है कि तीन-तीन, चार-चार शिफ्टों में चलने वाली फैक्ट्रियां अब एक ही शिफ्ट में या फिर दो शिफ्टों तक सीमित हो गई है। उद्योगपतियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सहयोग नहीं दिया जा रहा है। उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे उद्योग धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं। उद्योगपतियों के कहना है कि अब हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि उन्हें अपना काम धंधा छोड़ कर अपनी और फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों लोगों की रोजी-रोटी बचाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
जालंधर में आज सभी उद्योगपति, जिनमें खेल उद्योग संघ भी शामिल है, के साथ-साथ सभी व्यापारी सरकार के खिलाफ धरना देंगे। सभी फोकल प्वाइंट पर एकत्रित होंगे और ईईपीसी ऑफिस के बाद धरना लगाएंगे। उद्योगपतियों का कहना है कि कच्चा लोहा, स्टील और अन्य सामान जो खेल से लेकर अन्य सामान बनाने के लिए प्रयुक्त होता है, के दाम आसमान छूते जा रहे हैं।
कच्चा माल महंगा होने के कारण वह नया सामान तैयार नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि महंगा माल मार्केट में बिक नहीं रहा है। उन्हें अपना मार्जिन कम करके मार्केट में माल उतारना पड़ रहा है, जिससे उनके उद्योगों पर असर पड़ रहा है। कामगारों की सैलरी तक निकालनी मुश्किल हो रही हैं।