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पंजाब और हरियाणा की ओर लौट रहे , किसानों का किया गया पानीपत टोल प्लाजा पर भव्य स्वागत

मान्यवर:-पानीपत। तीन कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों पर सहमति के बाद सिंघु बॉर्डर से पंजाब और हरियाणा की ओर लौट रहे किसानों का शनिवार को पानीपत टोल प्लाजा पर भव्य स्वागत किया गया। साथ ही फतेह महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें लगे चार डीजे की धुन पर जगह-जगह किसान थिरकते रहे। वहीं सुबह से देर रात तक लंगर जारी रहा।

पानीपत टोल प्लाजा पर आयोजित फतेह महोत्सव में 5 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी नाचते दिखे। पंजाब निवासी पांच साल का हरप्रीत अपने माता-पिता के साथ सिंघु बॉर्डर से घर जा रहा था। पानीपत टोल प्लाजा पर बहन के साथ कार के ऊपर नाचता दिखा।

वहीं 80 साल के राम मेहर किसान साथी विजय के साथ नाचते दिखे। अन्य आंदोलनकारी किसान भी दिनभर टोल प्लाजा पर नाचते रहे। पानीपत टोल प्लाजा पार करते ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। दोपहर 2 बजे किसानों की संख्या करीब 5 हजार से ज्यादा हो गई। जीटी रोड के बीच ही हजारों की संख्या में किसान नाचने लगे, जिससे 4 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

पानीपत टोल और मच्छरौली चौक पर किसानों के लिए बनाया गया लंगर पंजाब के किसानों का स्वागत करने के लिए पानीपत के किसानों ने एक दिन पहले ही लंगर के लिए खाना बनाना शुरू कर दिया था। किसानों का कहना है कि एक लाख से ज्यादा किसानों के खाने की व्यवस्था की थी। सुबह 10 बजे ही यह लंगर शुरू कर दिया गया, जो 11 दिसंबर की पूरी रात चला।

इसी तरह मच्छरौली चौक के सामने भी जिले के किसानों ने सिंघु बॉर्डर से लौटने वाले किसानों का स्वागत किया। यहां पर भी डीजे और लंगर की व्यवस्था की गई थी। जिले में प्रवेश करने के बाद यह पहला लंगर था, जहां पंजाब के किसानों ने खाना खाया। मच्छरौली चौक के सामने भी सैकड़ों की संख्या में किसान नाचते और जश्न मनाते दिखे। यहां पर करहंस, मच्छरौली, झट्टीपुर के किसानों ने पंजाब के किसानों के साथ जश्न मनाया।

डाहर टोल पर सुबह 9 बजे भाकियू के प्रधान सोनू मालपुरिया ने आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले जिले के बुजुर्ग किसानों को सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद जिले के किसान डाहर टोल से सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हुए और फिर वहां से 11 बजे पंजाब के किसानों के साथ वापस लौटे।

हल्दाना बॉर्डर समालखा में चढ़ूूनी गुट के किसान नेताओं ने करनाल एवं पंजाब की ओर जाने वाले किसानों का स्वागत किया। चढ़ूनी गुट ने समालखा से लेकर पानीपत तक किसानों के स्वागत के लिए पोस्टर लगाए थे। हल्दाना बॉर्डर से लेकर पानीपत तक 200 से ज्यादा पोस्टर लगाए गए।