मान्यवर:-पंजाब 2022 के विधानसभा चुनाव में नई इबारत लिखने को तैयार है। बेअदबी व सिख संगतों पर गोलीकांड में दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचने की मांग को लेकर 192 दिन बरगाड़ी मोर्चा लगाने वाले जत्थेदार खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पंजाब के मंत्रियों के आश्वासन के बाद बरगाड़ी मोर्चा खत्म किया गया था लेकिन मोर्चा के दौरान तीनों मांगें अब भी हवा में लटक रही हैं। बरगाड़ी मोर्चा के नेता अब कहने लगे हैं कि अब चुनाव आ गए हैं, हम उन नेताओं को जनता के बीच लाएंगे, जिन्होंने मोर्चा को झूठ बोलकर उठवाया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह को पहले ही सरबत खालसा के जत्थेदार सजा सुना चुके हैं।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को सरबत खालसा के श्री अकाल तख्त साहिब ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सजा सुनाई थी। उन पर बरगाड़ी बेअदबी मामले में दोषियों को सजा न देने और बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा को समाप्त करने के लिए कथित रूप से जिम्मेदार ठहराया गया था। सरबत खालसा द्वारा नियुक्त श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को तनखाइया घोषित किया था।
कार्यवाहक जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने कहा कि बरगाड़ी बेअदबी मामले में दोषियों को सजा न मिलने के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह सिख कौम के दोषी हैं, इसलिए सारी सिख कौम से अपील की गई है कि सिख पंथ कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ किसी भी तरह की सांझ न रखे। यहां तक कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को किसी भी जगह पर सम्मानित न किया जाए और न ही किसी स्टेज से या किसी कार्यक्रम में संबोधन करने दिया जाए।
कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सिख संगत को झूठा सपना दिखाकर बरगाड़ी बेअदबी मामले के दोषियों को सजा देने का वादा करके आंदोलन खत्म करा दिया था, लेकिन बाद में दोषियों को सजा नहीं मिली। यही नहीं जत्थेदार ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को बार-बार श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था, परंतु कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिर्फ एक पत्र भेजकर, जिसमें स्थिति भी स्पष्ट नहीं थी, मामले को उलझाने और दोषों से भागने की कोशिश की है। 192 दिन तक बरगाड़ी में सिख जत्थेदार मोर्चा लगाकर इंसाफ की मांग करते रहे।
उनकी तीन मुख्य मांगें थी कि पहली बेअदबी के दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। इसके अलावा बहिबल कलां व कोटकपूरा गोलीकांड के आरोपी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे डाला जाए। तीसरा जेलों में लंबे समय से बंद सिख कैदियों की रिहाई की जाए। 192 दिन बाद जब मोर्चा उठाया गया तो पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा व सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मौके पर जाकर आश्वासन दिया था कि उनकी तीनों मांगों को मान लिया जाएगा। 12 अक्तूबर 2015 को बरगाड़ी गांव के गुरुद्वारा साहिब के बाहर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप की बेअदबी करने का मामला सामने आया था। इस घटना से सिख संगत में व्यापक स्तर पर रोष फैल गया था। लोगों में इस बात को लेकर रोष था कि बेअदबी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों ने 1 जून 2015 को बरगाड़ी से सटे गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन ग्रंथ का स्वरूप चोरी किया और इसके बाद 24-25 सितंबर 2015 की रात को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में ही गुरुद्वारा साहिब के बाहर आपत्तिजनक शब्दावली वाला पोस्टर लगाकर पुलिस प्रशासन व सिख संगत को चुनौती दी थी।
सरबत खालसा द्वारा नियुक्त किए गए श्री अकाल तख्त साहेब के कार्यवाहक जत्थेदार ध्यान सिंह मंड का कहना है कि चुनाव आचार संहिता तक मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा व तृप्त बाजवा को वक्त है। आचार संहिता लगने के बाद हुक्मनामा जारी किया जाएगा, जिसमें उन नेताओं के खिलाफ हुक्म जारी होगा जिन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही चुनावों में सिख कौम को अपील भी की जाएगी कि ऐसे नेताओं के खिलाफ मतदान किया जाए। संत बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि चुनाव आ रहे हैं, अब जनता के बीच उन नेताओं को बेनकाब किया जाएगा, जिन्होंने बेअदबी की और जिन्होंने बचाया। बरगाड़ी मोर्चा को झूठ बोलकर उठवाया गया, जिसके लिए जिम्मेदार नेताओं को सबक सिखाया जाएगा। हम चुनाव तो नहीं लड़ेंगे लेकिन संगत को अपील जरूर करेंगे।