मान्यवर:-तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले चुकी है और संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों से भी इस मुहर लग चुकी है | किसान पिछले एक साल से इन्ही तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न बॉर्डरों पर डटे हुए थे | इसके बाद किसानों ने एमएसपी पर गारंटी और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए मुआवजे की मांग रखी |
सरकार ने मंगलवार को किसानों की घर वापसी को लेकर एक लिखित प्रस्ताव दिया था, जिस पर किसान राजी नहीं हुए और उसे वापस लौटा दिया था |
इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को कहा कि उनकी लंबित मांगों पर केंद्र द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के ताजा मसौदे पर किसानों में आम सहमति बन गई है | इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के भविष्य की रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को बैठक होगी | माना जा रहा है कि किसान आज आंदोलन वापस लेने का फैसला कर सकते हैं |
इससे पहले बुधवार सुबह संयुक्त किसान मोर्चा के 5 सदस्यीय कमेटी के सदस्य अशोक धवले ने कहा, ‘सरकार बातचीत को तैयार है और लिखित में कुछ दे रही है तो हम इस बात की सराहना करते हैं | लेकिन सरकार के प्रस्ताव में कुछ खामियां हैं | इसलिए कल रात हमने सरकार के प्रस्ताव को कुछ संशोधनों के साथ लौटा दिया था, अब हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.’ इसके बाद बुधवार शाम किसान मोर्चा ने जब कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है तो कयास लगाए जाने लगे कि अब गुरुवार को आंदोलन वापसी का फैसला हो सकता है |
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरकार से मिले प्रस्ताव को ‘लेटरहेड’ पर औपचारिक तौर पर मांग कर रहे हैं | संयुक्त किसान मोर्चा कोर समिति के सदस्य गुरनाम सिंह चढूनी ने बुधवार को कहा कि लंबित मांगों के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से पहले प्राप्त हुआ प्रस्ताव का मसौदा स्वीकार करने योग्य नहीं था, इसके बाद केंद्र ने बुधवार को नए सिरे से प्रस्ताव का मसौदा भेजा है |
SKM कोर समिति की बैठक के बाद चढूनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मांगों को लेकर हम सरकार से सहमत हैं | गुरुवार की बैठक के बाद आंदोलन को स्थगित करने पर फैसला लेंगे | आंदोलन वापस लेने के संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है | SKM की कल (गुरुवार) दोपहर 12 बजे और एक बैठक होगी | बता दें कि आज दोपहर 12 बजे सिंघू बॉर्डर पर यह बैठक होगी, जिसमें आंदोलन वापस लिए जाने पर फैसला होने की उम्मीद है | किसान आंदोलन की आगे की क्या राह होगी, उस पर हमारी नजर बनी हुई है. पल-पल की अपडेट के लिए नीचे दी जा रही है |