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Navjot singh sidhu

नवजोत सिद्धू पंजाब में नए‍ विवाद में फंसे

धार्मिक निशान वाला शाल ओढ़कर किसानों के बीच पहुंचे

मान्यवर :- पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नए विवाद में फंस गए हैं। सिद्धू धार्मिक निशान वाला शाल ओढ़कर शाहकोट पहुंचने पर नया विवाद छिड़ गया है। वह धार्मिक निशान वाला शाल ओढ़कर किसानों के बीच पहुंच गए। इसके बाद वह लोगों के निशाने पर आ गए। उन पर सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाए जा रहे हैा और उनको श्री अकाल तख्‍त साहिब में बुलाने की मांग की जा रही है।

सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, श्री अकाल तख्त साहिब में तलब करने की मांग

दरअसल सिद्धू हलका शाहकोट के गांव संढावाल में किसानों को एमएसपी के प्रति जागरूक करने आए थे। उन्होंने एक रुमाला साहिब की तरह शाल ओढ़ रखा था। इस पर खंडा व एक ओंकार छपा हुआ था। उनकी यह तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रही है जिस पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।

इस संबंध में पंथक सेवा लहर के जिला प्रधान मेजर सिंह माणकपुर ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू कभी गुरबाणी की बेअदबी करते हैं तो कभी सिखों के धार्मिक चिन्हों की। सिद्धू ने ऐसा करके सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जिसके लिए उन्हें सिख पंथ से माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सिद्धू ने धार्मिक चिन्हों की शाल ओढकर क्या साबित करना चाहा कि वह खुद को सिख गुरुओं के बराबर समझते हैं या किसी साजिश के तहत धार्मिक चिन्हों की बेअदबी की है। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत ¨सह को मामले का सख्त नोटिस लेते सिद्धू को श्री अकाल तख्त साहिब में तलब करने की अपील की है।

एसजीपीसी ने कहा, पंथ से माफी मांगें सिद्धू

इस घटना की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी निंदा की है। एसजीपीसी से महासचिव भगवंत सिंह सियालका ने कहा कि सिद्धू की इस हरकत से सिख कौम की भावनाओं को ठेस पहुंची है। सिद्धू को बिना शर्त सिख पंथ से माफी मांगनी चाहिए। उनसे इस तरह की हरकत किए जाने की आशा नहीं थी।

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