हाड़ कंपा देने वाली ठंड भी कमजोर न कर सकी हौसले
मान्यवर :- नए साल से पहले कारगिल के दूर दराज़ के गावों को बिजली का तोहफा मिला है | कारगिल प्रशासन ने एक एनजीओ ग्लोबल हिमालियन एक्सपीडिशन और रॉयल एनफील्ड ने हाथ मिला कर ये पहल की है | कड़ाके की ठंड और कठिन परिस्तिथियों में काम करते हुए इंजीनियरों और मज़दूरों ने 103 घरों को बिजली से रोशन किया है | इन दूर दराज़ के इलाकों को बिजली के ग्रिड से जोड़ना बहुत मुश्किल और खर्चीला है, इसीलिए इन दुर्गम इलाकों में बिजली के लिए सोलर सिस्टम का इस्तेमाल किया गया | कारगिल जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर और दुर्गम पहाड़ियों में बेस ऊम्बा इलाके में आज़ादी के 73 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंच सकी थी | साल में करीब पांच महीनों तक ये इलाका बाकी देश और दुनिया से कटा रहता है | सड़क संपर्क ना होने के चलते गांव तक आने के लिए कई किलोमीटर पैदल चल कर जाना पड़ता है | इस बार समय से पहले पड़ने वाली बर्फ ने लोगों के लिए परेशानियां और बढ़ा दी थीं | लेकिन इस साल कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत रॉयल एनफील्ड ने लदाख के समाज सेवी संगठन ग्लोबल हिमालियन एक्सपीडिशन के साथ इस इलाके को बिजली प्रोजेक्ट के लिए चुना |
कई किलोमीटर की कठिन चढ़ाई बर्फीले रास्तों को पार कर पहुंचाया गया सामान
संगठन के इंजीनियर की टीम ने कारगिल रेनेवेराब्ले एनर्जी डेवलपमेंट ऑथॉरिटी (KREDA) के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया | प्रोजेक्ट के लिए ज़रूरी सामान लाया गया और फिर गाड़ियों में भर कर आखिरी सड़क तक पहुंचाया गया | यहां से फिर मज़दूरों ने कई किलोमीटर की कठिन चढ़ाई बर्फीले रास्तों से पैदल चल कर सारा सामान गांव तक पहुंचाया |
माइनस 25 डिग्री तक लुढ़क जाता है तापमान
कड़ाके की ठंड में यहां इस साल तापमान माइनस 25 डिग्री तक लुढ़क गया है | हाड़ कंपा देने वाली ठंड में दिन रात काम करके 104 घरों को पहली बार बिजली का तोहफा दिया गया | लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था | उम्बा इलाके के बसे 5 गांव हैं जो 13 हज़ार फ़ीट से ज्यादा ऊंचाई पर हैं | ग्लोबल हिमालयन एक्सपीडिशन (जीएचई) के अनुसार उम्बा इलाके में 5 गांव हैं जिनको सोलर बिजली से जोड़ दिया गया है. यहां पर 97 रिहायशी मकानों और 7 मस्जिदों में यह सोलर लाइट लगाई गई है |
इलाके में करीब 500 LED लाइट्स और सोलर बैटरी सिस्टम लगाए गए
अधिकारियों के अनुसार पूरे इलाके में करीब 500 LED लाइट्स और सोलर बैटरी सिस्टम लगाए गए जो बदलते हुए मौसम में भी चार दिन तक इलाके में बिजली देने में सक्षम हैं | इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 17.5 KW का बिजली सिस्टम लगाया गया जिस के बाद दशकों से अंधेरे में रह रहा यह इलाका रोशन हो गया है |
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