मान्यवर:-प्रदेश में खाद को लेकर मारामारी मची है। किसानों से सरेआम ज्यादा दाम वसूल कर खाद ब्लैक में बिकने लगी है। ऐसा ही मामला जिला कांगड़ा के इंदौरा उपमंडल में पेश आया। जहां सरकार की ओर से निर्धारित 1200 रुपये प्रति बोरी के ब्लैक में 1600 रुपये वसूल कर धड़ल्ले से काली कमाई की जा रही है। किसानों से हो रही इस लूट पर जिला कांगड़ा के कृषि विभाग के अफसर भी चुप्पी साधे हैं। गांव भोग्रवां के जीत सिंह, शमशेर सिंह और नाम न बताने पर करीब दर्जनभर अन्य किसानों ने बताया कि सरकारी रेट पर कहीं भी खाद न मिलने पर उन्होंने मजबूरन 1600 रुपये की खाद की बोरी खरीदी है। एक किसान ने बताया कि गेहूं बिजाई के लिए समय सबसे अनुकूल चला हुआ है।
उनके परिवार की रोजी-रोटी ही खेतीबाड़ी पर निर्भर है। उन्होंने कई जगह सरकारी रेट पर खाद खरीदने के प्रयास करके देख लिए। आखिरकार उन्हें मजबूरन 1200 रुपये वाली बोरी 1600 रुपये में खरीदनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग अगर किसानों को उचित मूल्य पर खाद दिलवाने के लिए प्रयास करता, तो उन्हें हर बोरी पर 400 रुपये अतिरिक्त न खर्चने पड़ते। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मामले में हस्तक्षेप कर किसानों को इस ब्लैक मार्केटिंग से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। खाद को ब्लैक में बेच रहा व्यक्ति विधायक का बेहद करीबी बताया जा रहा है। वहीं, इस संदर्भ में संबंधित दुकानदार से बात की गई, तो उसने बताया कि कालाबाजारी और मुनाफाखोरी जैसा कुछ भी नहीं है।
कृषि विभाग के जिला कांगड़ा के उपनिदेशक डॉ. जीत सिंह ने बताया कि किसी सोसायटी या व्यक्ति को रसायनिक व जैविक खाद बेचने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति बिना लाइसेंस के खाद बेचता है, तो उसके खिलाफ खाद नियंत्रण आदेश, 1985 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा कोई भी विक्रेता निर्धारित से अधिक मूल्य पर खाद नहीं बेच सकता। अगर इंदौरा क्षेत्र में कोई व्यक्ति मुनाफाखोरी में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सूबे के किसानों का खाद के लिए इंतजार अब खत्म होने वाला है। सभी जिलों में सोमवार से 12-32-16 खाद का वितरण होगा। होशियारपुर रेलवे स्टेशन से 2622 टन खाद की खेप लेकर रविवार रात को रवाना हुईं गाड़ियां सुबह तक अधिकतर जिलों के सहकारी समितियों एवं इफ्को के गोदामों तक पहुंच जाएंगी। वहीं दूर दराज के जिलों में गाड़ियां कुछ घंटे देरी से पहुंच सकती हैं, लेकिन सप्लाई पहुंचते ही इसकी बिक्री शुरू कर दी जाएगी।
ऊना और कांगड़ा को प्राथमिकता के आधार पर सप्लाई भेजी जाएगी। इस समय ऊना और कांगड़ा ही ऐसे दो जिले हैं, जहां गेहूं की बिजाई जोरों पर हैं। मंडी, हमीरपुर और बिलासपुर में लगभग बिजाई का काम खत्म हो चुका है। बीते कई दिनों से किसान बेसब्री से 12-32-16 खाद के आने का इंतजार कर रहे हैं। लगभग ढाई महीने से प्रदेश में खाद की सप्लाई ठप पड़ी है। नया स्टॉक आने से किसानों को राहत मिलेगी।
जानकारी के अनुसार गुजरात के कांडला में इफ्को के प्लांट से खाद की खेप लेकर चली मालगाड़ी होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर आठ घंटे की देरी से पहुंची। 2622 टन की इस खेप में खाद की 52440 बोरियां हैं। इफ्को के एरिया मैनेजर भुवनेश पठानिया का कहना है कि मालगाड़ी रविवार सुबह साढ़े सात बजे तक आने की उम्मीद थी। लेकिन फिरोजपुर में कुछ किसान रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके चलते कुछ देरी हुई। कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक अतुल डोगरा ने कहा कि अब स्टॉक में कमी नहीं आने दी जाएगी।