मान्यवर:-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में हर दूसरा घर विद्युत निगम का कर्जदार है। पीवीवीएनएल मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, जेपीनगर और रामपुर में लोगों को विद्युत की आपूर्ति कर रहा है। इन जिलों में कुल 68,29,204 विद्युत कनेक्शन हैं। इनमें से लगभग आधे 33,73,655 उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल बकाया है।
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुताबिक बकाये की कुल राशि एक अरब रुपये से भी ज्यादा है। अब विद्युत निगम इस राशि को निकालने के लिए एकमुश्त समाधान योजना चला रहा है। इसमें निगम ने एक रुपये के बकायेदार को भी सूची में शामिल कर लिया है। यदि किसी ने सितंबर माह का बिल अभी तक जमा नहीं किया है, तो वह उपभोक्ता भी विद्युत बकायेदार की श्रेणी में है। इससे विद्युतकर्मियों के सामने एक बहुत बड़ा लक्ष्य बकाया बसूली का है, जिसे एक मुश्त समाधान योजना के तहत पूरा करना संभव नहीं है।
पीवीवीएनएल के ये 14 जिले छह जोन के अंतर्गत आते हैं। इसमें गाजियाबाद प्रथम, गाजियाबाद द्वितीय (गौतमबुद्ध नगर), मेरठ, नोएडा, मुरादाबाद और सहारनपुर शामिल हैं। सभी छह जोन में सबसे ज्यादा बकायेदार मुरादाबाद और सहारनपुर जोन में हैं। इनकी संख्या अन्य जोन के मुकाबले तीन गुणा से भी ज्यादा है। इसका कारण यह है कि मुरादाबाद जोन बकाया वसूलने में हमेशा पिछड़ा रहा है। इसके चलते शीर्ष प्रबंधन से अधिकारियों को फटकार भी पड़ चुकी है।
बकाया वसूली में मुरादाबाद की स्थिति यह है कि पिछले पांच वर्ष से 5,829 उपभोक्ताओं पर निगम के 24 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। इनमें से कई उपभोक्ताओं ने कहीं दूसरी जगह मकान बना लिया है। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को ढूंढना भी विभाग के लिए मुश्किल हो गया है। शहर को तीन विद्युत वितरण खंडों में बांटा गया है। प्रथम खंड में लाइनपार, मझोला, बुद्धि विहार, दिल्ली रोड, चाऊ की बस्ती, ढक्का, मानसरोवर आदि क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में ऐसे 1573 उपभोक्ता हैं। इन पर बकाया चार करोड़ 60 लाख 67 हजार रुपये हैं।
द्वितीय खंड में पीएसी, पीटीसी, जिला अस्पताल, नवीन नगर, दीनदयाल नगर, रामगंगा विहार, आशियाना आदि क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में 1552 बकायेदारों पर तीन करोड़ 43 लाख 72 हजार 439 रुपये बकाया है। तृतीय खंड में पीतलबस्ती, कटघर, रामपुर रोड, एकता विहार, सीतापुरी, असालतपुरा, लालबाग, ईदगाह आदि क्षेत्र आते हैं। इन क्षेत्रों में 2703 बकायेदारों पर 16 करोड़ 28 लाख 31 हजार 585 रुपये बकाया हैं। एकमुश्त समाधान योजना के तहत सभी बकायेदारों को लिया गया है। योजना का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा बकायेदारों से राजस्व वसूलकर निगम की वित्तीय क्षति को पूरा करना है। इसी कारण ऐसे उपभोक्ताओं को भी योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिनके विद्युत से संबंधित प्रकरण न्यायालयों में चल रहे हैं। बकायेदारों की संख्या बड़ी है, लेकिन लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।