मान्यवर:-दिल्ली-मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सनी टोयोटा कार शोरूम के मैनेजर रंजीत खरे की हत्या का मुकदमा तीन दिन बाद थाना सिकंदरा में दर्ज कर लिया गया। मंगलवार से परिजन इधर-उधर भटकने को मजबूर थे। एडीजी के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। मोती कटरा निवासी 45 वर्षीय रंजीत खरे सोमवार की रात को पार्टी मनाने सिकंदरा में अपने दोस्तों के साथ रुके थे।
घरवालों से फोन पर रात में घर आने की बात कही थी। इसके बाद लौटे नहीं। मंगलवार दोपहर को मुरैना में उनकी लाश मिली थी। उनकी शर्ट पर टोयोटा का लोगो लगा था। कार कंपनी से संपर्क करके शिनाख्त हो सकी थी। बाद में परिजनों ने पहुंचकर पहचान कर ली थी। बुधवार को रंजीत की कार फोर्ट स्टेशन के बाहर खड़ी मिली थी। उसमें अंदर खून के निशान थे।
रंजीत के भाई विक्रांत के मुताबिक, मुरैना में पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। सिकंदरा पुलिस भी घटनास्थल को देखते हुए मुकदमा लिखना नहीं चाहती थी। शुक्रवार को एडीजी जोन राजीव कृष्ण के संज्ञान में मामला आया। उन्होंने मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए। शाम को अज्ञात के खिलाफ हत्या और साक्ष्य मिटाने की धारा में थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सीओ हरीपर्वत एएसपी लखन का कहना है कि विवेचना की जा रही है। सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी।
पुलिस को परिजनों ने बताया कि सिकंदरा क्षेत्र में दुर्गेश रहता है। वह रंजीत का मित्र है। उसके फ्लैट में ही पार्टी हुई थी। जब दुर्गेश से पूछा तो उनका कहना था कि रंजीत 9:30 बजे रात में चले गए थे जबकि 11:45 तक उनकी भाई से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि घर आ रहे हैं।
इसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया था। पुलिस यह पता कर रही है कि घटना वाले दिन उनके साथ कौन-कौन था। उनके साथ कोई गया था या नहीं? हत्या में किसी जानकार का हाथ हो सकता है। अगर, लूट के लिए हत्या होती तो कार नहीं मिलती। कार से पहले शव को मुरैना ले जाया गया। इसके बाद वापस आगरा लाकर लावारिस में खड़ा कर दिया गया। उसकी नंबर प्लेट हटाकर कार के अंदर ही रख दी गई। पुलिस क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है।