एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर के साइकोलॉजी विभाग के साइकोलॉजी फोरम द्वारा वर्ल्ड मेंटल हेल्थ मंथ के अवसर पर रिइंफोर्सिंग मेंटल हेल्थ: ए स्टेप टुवर्ड्स क्रिएटिंग अवेयरनेस विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन करवाया गया जिसमें स्रोत वक्ता के रूप में उम्मीद हॉस्पिटल जंडियाला से काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट मिस प्रभलीन कौर उपस्थित हुई। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों को काफी बार मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है क्योंकि एक तरफ अपने करियर को लेकर वे चिंता में होते हैं और दूसरी और पढ़ाई का भी दबाव होता है यही वो समय होता है जब विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की चिंता रहती है तो ऐसी स्थिति में उनका मानसिक स्वास्थ्य सही होना बहुत जरूरी है ताकि वह परिस्थितियों का दृढ़ता से सामना कर सके। मैडम प्रभलीन कौर ने मेंटल हेल्थ के महत्त्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों के मन में
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गलत अवधारणा है वह समझते हैं कि जिनका मानसिक संतुलन सही नही है उन्हीं को साइकोलॉजिस्ट या साइकैटरिस्ट के पास जाने की जरूरत है बल्कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है युवावस्था में कई बार विद्यार्थी अपनी जिंदगी एवं करियर से जुड़े सही निर्णय नहीं ले पाते हैं वह काफी दबाव में रहते हैं और ऐसे में अगर उनको सही काउंसलिंग मिल जाए तो वह अपनी जिंदगी से जुड़े सही फैसला लेने में समर्थ हो सकते हैं और अपनी जिंदगी से जुड़ी समस्याओं का सामना करने में वह सक्षम हो पाते हैं, उन्होंने कहा कि आज के दौर में माता-पिता एवं बच्चों को काउंसलिंग के महत्त्व को समझना बहुत ही जरूरी है ताकि एक स्वस्थ समाज की स्थापना हो सके। साइकोलॉजी फोरम की उपाध्यक्ष कशिश ने श्रेष्ठ मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं साइकोलॉजी फोरम के महासचिव गुरुसाहिब सिंह ने सबका आभार व्यक्त किया। डॉ नीरजा ढींगरा ने अतिथि व्याख्यान की अपार सफलता के लिए साइकोलॉजी विभाग के प्राध्यापकवृंद मैडम निहरिका एवं मैडम हरप्रीत कौर के प्रयासों की सराहना की।
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