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ACFA celebrated Founder's Day

एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी की मनायी || ACFA celebrated Founder.

एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर में एपीजे एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाॅल जी की 104 सी जयंती पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।इस विशेष दिवस को संस्थापक दिवस के रूप में मनाया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष,को प्रोमोटर एवं अध्यक्ष एपीजे सत्या एंड स्वर्ण ग्रुप, को फाउंडर एवं चांसलर एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया का संदेश पढ़ते हुए विद्यार्थियों को कहा कि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ सत्यपाॅल जी न केवल दूरदर्शी शिक्षाविद्, संवेदनशील, अनुशासनप्रिय, कर्मयोगी, विनम्रता की साक्षात मूर्ति, समाजसेवी एवं सफल उद्योगपति थे बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय प्रतिभागिता करते हुए उन्होंने सच्चे भारतीय होने की भूमिका भी बड़ी ईमानदारी से निभाई। सेठ सत्यपॉल जी की अध्यात्म, उर्दू शायरी, दर्शन एवं भारतीय संस्कृति में गहरी रुचि थी नैतिक मूल्यों तो जैसे उनकी रूह में बसे हुए थे। पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारियों को तन्मयता के साथ निभाते हुए ना केवल उन्होंने खुद सफलता के नए मुकाम स्थापित किए बल्कि अपने साथ उन्होंने दूसरों के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, ज़िन्दगी में जिन लोगों ने भी उनका साथ दिया उनको उन्होंने ताउम्र याद रखा संस्थापक दिवस के इस अवसर पर संगीत- विभाग के विद्यार्थियों दीपाली पामेह,हरसिफत,प्राची नरगिस, जसलीन, हरकीरत, अनमोल ने डॉ अमिता मिश्रा एवं डॉ विवेक वर्मा के निर्देशन मे के भजनों की शानदार प्रस्तुति की। संगीत विभाग के ही विद्यार्थी सहजदीप सिंह ने सितार पर राग पहाड़ी में सुरमई धुन की प्रस्तुति की उसके साथ तबले में संगीत विभाग के विद्यार्थी साहिल ने साथ दिया।इस अवसर पर जो विद्यार्थी नैतिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं उनको सेठ सत्यपॉल अवार्ड से भी सम्मानित किया जाता है इस बार पांचवें समैस्टर के विद्यार्थी गुरुसाहिब सिंह थिंद एवं बीकाॅम पांचवें समैस्टर के छात्र रजत को डॉ सत्यपॉल सम्मान से सम्मानित किया गया। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने श्री सत्यपॉल सम्मान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वे इसी तरह सेठ सत्यपॉल जी की धरोहर का संरक्षण करते हुए अन्य विद्यार्थियों को भी उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिए उन्होंने डॉ अमिता मिश्रा एवं डॉ मोनिका आनंद के प्रयासों की सराहना की |

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