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‘Grand Parents Day' celebrated in Innokids of Innocent Hearts

इनोकिड्स ऑफ इनोसेंट हार्ट्स में मनाया गया ‘ग्रैंड पेरेंट्स डे || ‘Grand Parents Day’ celebrated in Innokids of Innocent Hearts

 

 

इनोसेंट हार्ट्स के सभी पांच स्कूलों (ग्रीन मॉडल टाउन, लोहारां, कैंट- जंडियाला रोड, नूरपुर रोड और कपूरथला रोड) के प्री-प्राइमरी स्कूल इनोकिड्स में ‘द ग्रेटेस्ट ब्लेसिंग’ थीम के तहत ‘ग्रैंड पेरेंट्स डे’ मनाया गया। दादा-दादी एवं दादी माँ”, जिसमें विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों के दादा-दादी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इनोकिड्स, ग्रीन मॉडल टाउन में, विशेष अतिथि श्रीमती वाणी विज (चिनार फोर्ज लिमिटेड और शीतल फाइबर लिमिटेड में एमडी) और प्रसिद्ध सीए श्री के.के. सरीन थे। इस अवसर पर दादा-दादी के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसमें दादा-दादी ने पुराने गानों पर नृत्य किया. उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो उनके पुराने दिन फिर से लौट आए हों। स्कूल प्रबंधन ने उनके लिए कंचे (मार्बल्स), लट्टू (स्पिनिंग टॉप), गिल्ली डंडा (टिप-कैट), पिठू गरम (सेवन स्टोन्स), टिक-टैक-टोक, स्किपिंग रोप, पचेटा (पेबल्स) जैसे विभिन्न खेलों का आयोजन किया है। लूडो. स्कूल में ही उनके साथ पारंपरिक खेल खेलकर बच्चे काफी खुश दिखे. उन्होंने अपने अनुभव से बच्चों को बहुत सी बातें सिखाईं। इस अवसर पर स्वर्ण युग की झलक दिखाते हुए दादी की छत पर पड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट टीवी, ट्रांजिस्टर, रेडियो, ओखली, चाटी मदनी, पक्खी, छिक्कू, छाज, सिलबट्टा आदि शामिल थे। । रखा गया था। इसके अलावा दादी के घरेलू नुस्खों के बारे में भी बताया गया कि कैसे वह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रसोई की चीजों का इस्तेमाल करती थीं। स्कूल प्रबंधन ने इस कार्यक्रम में दादा-दादी को आमंत्रित कर जहां पीढ़ी के अंतर को कम करने की कोशिश की, वहीं उन्हें कुछ घंटों के अनूठे सुखद पल भी दिए। उपनिदेशक सांस्कृतिक कार्य श्रीमती शर्मिला नाकरा ने कहा कि बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता के साथ-साथ दादा-दादी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन छोटे बच्चों को दादा-दादी ही संस्कारों से पोषित कर सकते हैं क्योंकि बच्चों के साथ उनका भावनात्मक रिश्ता होता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ न केवल उनमें अच्छे संस्कार पैदा करते हैं बल्कि उनमें अपने बड़ों के प्रति सम्मान की भावना भी पैदा करते हैं।

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