एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट जालंधर में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया गया इस दिवस के उपलक्ष में कॉलेज के SWA (स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) के विद्यार्थियों ने इस दिन की शुरुआत में कॉलेज के प्राध्यापकों का तिलक लगाकर उनका सम्मान किया।इस मौके पर कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा एक रंगारंग प्रोग्राम का आयोजन भी किया गया, जिसमें हिंदी विभाग के मैडम डॉक्टर अंजना ने विद्यार्थी और अध्यापक के रिश्ते को उजागर करती स्वयं रचित कविता प्रस्तुत की, जिसका शीर्षक था, ‘हम तब भी खड़े थे, हम आज भी खड़े हैं’।इसके उपरांत संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा अपने गुरुओं को नमन करते हुए सुरमई संगीत की प्रस्तुति की गई। इस मौके पर कॉलेज की बी.एस.सी. इकनॉमिकस सेमेस्टर-5 की विद्यार्थी भाविनी द्वारा अध्यापक दिवस के विषय पर ,"गुरु महान" कविता प्रस्तुत की। बीकॉम सेमेस्टर-5 के विद्यार्थी रजत द्वारा इसी मौके पर एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी में से एक प्रसंग प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर नीरजा ढींगरा ने आज के दिन की सबको मुबारकबाद देते हुए सर्वप्रथम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया और इस मौके पर एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्ष,एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की को-फाउंडर एवं कुलपति तथा एपीजे सत्या ग्रुप एवं स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया के प्रेरणादायक संदेश को पढ़कर सभी शिक्षकों को सुनाया व शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधन करते हुए कहा कि अगर आज भारत विश्व गुरु बनने की और अग्रसर है तो इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान शिक्षकों और भारतीय शिक्षा पद्धति का है । चाहे वह आर्थिक क्षेत्र हो, विज्ञान का क्षेत्र हो, चाहे भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर उपलब्धियां हो, या फिर सैनिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता। सब कुछ संभव हो पाया है भारतीय शिक्षा और नैतिक मूल्यों से। इस शिक्षा और संस्कृति के सूत्रधार हैं, शिक्षक। उनके मार्गदर्शन द्वारा ही आज की पीढ़ी नई-नई ऊंचाइयां छू रही है और शिक्षकों को भारत के उज्जवल भविष्य के लिए निरंतर प्रयासरत रहना होगा। इस भव्य आयोजन के समापन पर उन्होंने स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के डीन डॉ. जगमोहन मागो , डॉ. पायल अरोड़ा, श्री विश्व बंधु वर्मा, मैडम पलक और एस डब्ल्यू ए की पूरी टीम और विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की।
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