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punjab education department giving wrong information about martyrs

पंजाब शिक्षा विभाग शहीदों की दे रहा गलत जानकारी || Punjab education department giving wrong information about martyrs

पंजाब की वर्तमान सरकार शहीदों को मान-सम्मान देने की बात कर रही है, परंतु इसी सरकार के कार्यकाल में विद्यार्थियों को शहीदों से संबंधित सही जानकारी नहीं दी जा रही है।ऐसी ही एक बड़ी गलती पकड़ने का दावा लेखक राकेश कुमार द्वारा किया जा रहा है, जिसमें पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के 9वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय के एक पाठ में शहीद ऊधम सिंह से संबंधित कई गलत जानकारी प्रकाशित की गईं। गदरी शहीद ऊधम सिंह विचार मंच ने पंजाब शिक्षा बोर्ड की 9वीं कक्षा की अंग्रेजी की पुस्तक मेन कोर्स बुक में लिखे शहीद ऊधम सिंह के लेख पर कई सवाल उठाते हुए इसमें सुधार करने की मांग की है।फांसी-जन्म और जेल-इंगलैंड जाने की तारीखें गलत;मंच के प्रधान राकेश कुमार ने कहा कि वह 17 पुस्तकें लिख चुके हैं और 5 पुस्तकें शहीद ऊधम सिंह की जीवनी पर लिखी हैं, लेकिन पंजाब शिक्षा बोर्ड की अंग्रेजी की पुस्तक के मेन कोर्स बुक में पेज नंबर-39-40 पर शहीद ऊधम सिंह की जीवनी से संबंधित लेख लिखा है, इसमें कई गलतियां हैं, जिससे बच्चे शहीद से जुड़ी गलत जानकारी हासिल कर रहे हैं। शहीद ऊधम सिंह को 31 जुलाई 1940 को फांसी दी गई थी, लेख में लिखा है कि 30 जुलाई को फांसी दी थी।लेख में लिखा है कि शहीद का जन्म 26 दिसंबर 1899 को हुआ था, 18 दिसंबर 1899 में हुआ था। शहीद ऊधम सिंह 5 बार जेल गए, जबकि वह असल में 2 बार जेल गए थे। ऊधम सिंह 1937 में इंगलैंड गए, हकीकत में वर्ष 1934 में इंगलैंड गए थे। ऊधम सिंह ने 21 साल बाद बदला लिया, बदले वाली कोई बात नहीं है। ऊधम सिंह गदर पार्टी का मेंबर था, इसका जिक्र नहीं किया। ऊधम सिंह शहीद-ए-आजम भगत सिंह का दोस्त था, यह भी लेख में नहीं लिखा है।इसके अलावा लेख में छपी ऊधम सिंह की फोटो असल फोटो से नहीं मिलती है। जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए असली दोषी बिग्रेडियर जनरल डायर था, जलियांवाला बाग की घटना के बाद बैठे हंटर कमीशन तथा आर्मी काउंसिल ने डायर को ही दोषी ठहराया था। उसी को ही सजा हुई थी। माइकल ए़डवायर को कहीं भी जलियांवाला बाग की घटना संबंधित दोषी नहीं ठहराया गया था, जबकि इस लेख में माइकल एडवायर को दोषी ठहराया है, जो गलत है।मंच के प्रधान राकेश कुमार ने कहा कि लेख में शहीद की जन्म तिथि, फांसी की तिथि के अलावा अन्य कई गलतियां निकाली गई हैं। विभाग लंबे समय से बच्चों को शहीद की जीवनी संबंधी गलत जानकारी दे रहा है। मंच ने इस संबंधी मुख्यमंत्री भगवंत मान, शिक्षा मंत्री और चेयरमैन शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर इसे सुधारने की मांग की है। म‍ंच ने यह भी कहा कि उनके पास तथ्यों से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, ऐसे में जल्द से जल्द गलतियों में सुधार किया जाए।

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