जालंधर (ब्यूरो):-Apeejay College ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में एपीजे एजुकेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्यपाल जी को उनकी तेरहवीं पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस अवसर पर डॉ सत्यपाल जी को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने एपीजे एजुकेशन के विकास में तो अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ही है, साथ ही साथ उन्होंने समाज में शिक्षा एवं ललित कलाओं के योगदान में तथा उनको जनमन तक पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, राजेश्वरी कला संगम की स्थापना उन्होंने ललित कलाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन के पावन उद्देश्य से की थी जो आज एपीजे कॉलेज के रूप में उनके स्वप्न को साकार करने में संलग्न हैं। डॉ ढींगरा ने कहा कि डॉ सत्यपाल जी नारी शिक्षा एवं सशक्तिकरण के सुदृढ़ पक्षधर थे, उनका मानना था कि नारी की शिक्षा एवं सशक्तिकरण में ही समाज की सफलता का आधार निहित है। डॉ नीरजा ढींगरा ने कहा कि एपीजे एजुकेशन की वर्तमान अध्यक्ष एवं एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया डॉ सत्यपाल जी की समृद्ध विरासत एवं उनकी दूरदर्शिता को आज आगे ले जाते हुए एपीजे एजुकेशन की सफलता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, उन्हीं के निरंतर दिशा-निर्देश से आज एपीजे कॉलेज नित नई बुलंदियों का स्पर्श कर रहा है।पुण्यतिथि के इस पावन अवसर पर प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा एवं प्राध्यापकवृंद ने पुष्प अर्पित करते हुए सेठ सत्यपाल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि थी तथा संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने उनके प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम”विश्वपति के ध्यान में जिसने लगाई है लग्न’ की मधुर प्रस्तुति देते हुए उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए।