You are currently viewing असम पहुंचा NSA के तहत गठित बोर्ड डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल और उसके करीबी पपलप्रीत समेत 9 लोगों से की मुलाकात

असम पहुंचा NSA के तहत गठित बोर्ड डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल और उसके करीबी पपलप्रीत समेत 9 लोगों से की मुलाकात

जालंधर (ब्यूरो):-असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके साथी पपलप्रीत व अन्य बंद पंजाब के युवकों से मिलने के लिए NSA के तहत गठित बोर्ड के सदस्य पहुंचे। बोर्ड के सदस्यों ने अमृतपाल और उसके साथियों से अलग-अलग मुलाकात की। उनसे कुछ सवाल पूछे और बयान दर्ज किए।

हालांकि सवाल क्या पूछे गए और कैसे बयान दर्ज किए गए इसकी जानकारी अभी तक बोर्ड के सदस्यों ने सार्वजनिक नहीं की है। इन्हें गुप्त रखा गया है। NSA के तहत गठित बोर्ड में पूर्व हाईकोर्ट की रिटायर जस्टिस शाबिहुल हसनैन की अध्यक्षता में बोर्ड के सदस्यों सुवीर सिओकंद, दिव्यांशु जैन, पंजाब पुलिस के आईजी राकेश अग्रवाल ने मुलाकात की।

अमृतपाल के साथ उसका करीबी पपलप्रीत।

अमृतपाल और पपलप्रीत समेत 9 पंजाबी डिब्रूगढ़ जेल में बंद
पंजाब के अजनाला थाने पर हमला करने और खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके करीबी पपलप्रीत सिंह समेत 9 पंजाबी युवक असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पपलप्रीत को 10 अप्रैल को गिरफ्तार कर 11 अप्रैल को डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया था।

जबकि वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 36 दिन की फरारी के बाज 23 अप्रैल को संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला के गांव रोडे के गुरुघर से गिरफ्तार किया गया था। यहां गिरफ्तारी से पहले उसने गुरुघर में माथा टेका और वहां पर मौजूद संगत को संबोधित भी किया था।

माता-पिता भी पहुंचे थे अमृतपाल से मिलने
पिछले दिनों अमृतपाल सिंह से मिलने के लिए उसके माता बलविंदर कौर और पिता तरसेम सिंह भी असम की डिब्रूगढ़ जेल पहुंचे थे। मुलाकात के बाद अमृतपाल की माता और पिता ने कहा था कि उनका बेटा जेल में चढ़दीकला में है। सरकार उनके साथ धक्केशाही कर रही है।

अमृतपाल की मां ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील भी की थी कि अमृतपाल और उसके साथियों को तुरंत जेल से रिहा किया जाए। पिता ने कहा कि जब तक अमृतपाल यहां जेल में बंद है, घर से कोई न कोई उससे मिलने आता रहेगा। माता-पिता कुछ खाने-पीने के सामान भी साथ लेकर आए थे, लेकिन जेल प्रशासन ने सारा सामान रखवा लिया था और चेक कर आगे भेजा था।

पत्नी किरणदीप कौर ने भी की थी जेल में मुलाकात
माता-पिता से पहले इसी महीने 4 मई को अमृतपाल से पत्नी किरणदीप कौर ने भी जेल में मुलाकात की थी। पत्नी किरणदीप कौर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के जत्थे के साथ जेल में पहुंची थी। जत्थे में करीब 10 लोग शामिल थे। इससे पहले जब वकील और अन्य परिजन मुलाकात के लिए आए थे तो कौम के नाम संदेश की अमृतपाल ने एक चिट्ठी दी थी।

समर्थक को छुड़ाने के लिए थाने पर हमला कराया था
अमृतपाल पर NSA के तहत केस दर्ज है। वह 36 दिन फरार रहा। उसने 23 फरवरी को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अमृतसर जिले में अजनाला पुलिस थाने पर हमला किया था। उसके बाद से वह पुलिस की रडार पर आ गया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की, लेकिन वह फरार हो गया था।

इस बार रोडे गांव के गुरुद्वारे में अमृतपाल की मौजूदगी की सूचना मिलने पर अमृतसर रूरल के SSP सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के IG रविवार सुबह ही वहां पहुंच गए। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस टीम ने अलसुबह अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।

किरणदीप को अमृतसर एयरपोर्ट पर रोके जाने की फाइल फोटो

पत्नी को एयरपोर्ट पर रोका तो आया सामने
अमृतपाल की NRI पत्नी किरणदीप कौर को 20 अप्रैल को ही अमृतसर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया था। वह लंदन जा रही थी। अमृतसर एयरपोर्ट पर किरणदीप कौर से 3 घंटे तक पूछताछ की थी। इसके बाद किरणदीप कौर को वापस जल्लूपुर खेड़ा गांव भेज दिया गया था जो अमृतपाल का पैतृक गांव है।

इस घटना के अगले दिन ही अमृतपाल सामने आ गया। इसके अलावा अमृतपाल के करीबी पपलप्रीत को भी पुलिस ने पकड़ लिया था। जिसके बाद अमृतपाल को छुपने के लिए ठिकाने नहीं मिल रहे थे। जिसके बाद वह सरेंडर करने आगे आया, लेकिन पुलिस ने मोगा से उसे गिरफ्तार कर लिया