जालंधर (ब्यूरो):- Ministry of Home Affairs (MHA) भारत सरकार ने पंजाब सरकार से रविवार को हुई गिरफ्तारी के बाद मिशन अमृतपाल सिंह से संबंधित रिपोर्ट मांग ली है। जिसे पंजाब सरकार ने MHA के सुपुर्द कर दिया है। इतना ही नहीं, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इस संबंधी अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट को MHA को सौंप दी है। सामने आया है कि फरारी के दौरान विदेशी नंबर का यूज कर रहा था। वॉट्सऐप कॉलिंग के जरिए वह अपने साथियों के लिंक में था।
MHA की तरफ से पंजाब सरकार को अमृतपाल सिंह की फरारी से लेकर गिरफ्तारी तक और पंजाब पुलिस का लाइन ऑफ एक्शन के संबंध में रिपोर्ट भेजने को कहा। इस रिपोर्ट में MHA ने अमृतपाल सिंह की फरारी के बाद उसे पनहा देने वालों का पूरा ब्योरा मांगा। अमृतपाल की लोकेशन मूवमेंट की रिपोर्ट भी MHA ने मांगी। जिसके बाद आज पंजाब सरकार ने पूरा रिकार्ड MHA के हवाले कर दिया है।
वहीं, इस मामले में NIA ने अपनी रिपोर्ट MHA को सौंप दी है। NIA ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में अमृतपाल सिंह को फंडिंग और उसके ISI संबंधों का जिक्र किया है। इसके अलावा गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ के बारे में भी MHA को बताया गया है।
विदेशी आतंकियों से संबंधों का भी जिक्र
पंजाब सरकार ने गिरफ्तारियों, पनाह देने वालों, विदेशी फंडिंग के अलावा विदेशी आंतकियों से अमृतपाल सिंह के संबंधों की जानकारी भी MHA को सौंपी है। पंजाब सरकार ने खासतौर पर अमृतपाल सिंह के पाकिस्तानी लिंक्स को उजागर किया है।
पर्दे के पीछे बैठे चेहरे बेनकाब करना चाहती है MHA
अमृतपाल सिंह के मामले में अभी तक 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन MHA उन चेहरों तक पहुंचना चाहती है, जो पर्दे के पीछे बैठ अमृतपाल सिंह की मदद कर रहे थे। इसके साथ ही पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी MHA ने जानकारी मांगी है।
विदेशी नंबर से करता था अमृतपाल कॉल
जांच में सामने आया है कि अमृतपाल सिंह फरार होने के बाद विदेशी नंबर के जरिए अपने चाहने वालों के साथ लिंक था। अमृतपाल सिंह ने हरियाणा से एक डोंगल खरीदी थी। इतना ही नहीं, उसने कनाडा का एक नंबर लिया, जिससे वह सिर्फ वॉट्सऐप चला रहा था। अपने मोबाइल में बिना कोई सिम डाले अमृपताल कनाडा के नंबर का कोड वॉट्सऐप में फीड कर उसे चला रहा था ताकि पुलिस उसे ट्रेस न कर सके।
पंजाब में बीते कुछ सालों में इस तकनीक का प्रयोग सिर्फ गैंगस्टर करते हैं। वहीं पंजाब पुलिस द्वारा केंद्र को लिखे जाने के बावजूद बिना सिम के वॉट्सऐप चलाने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।