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लुधियाना के SHO पर सूचना आयोग का एक्शन शिकायत गायब अढाई साल में नहीं की कोई कार्रवाई 10 हजार जुर्माना ठोका

जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब राज्य सूचना आयोग ने लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट के शिमलापुरी थाना SHO पर एक आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना न देने पर 10 हजार का जुर्माना लगाया। SHO को 27 मार्च को आयोग के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया है। जनकपुरी के शिकायतकर्ता दविंदर शर्मा बिट्टा ने बताया कि करीब ढाई साल पहले उन्होंने एक व्यक्ति के खिलाफ ब्लैकमेल करने की शिकायत शिमलापुरी पुलिस में की थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

SHO और मुंशी ने की थी बदसलूकी इसी बीच उन्हें पुलिस विभाग से शिमलापुरी थाने में आयोजित ‘Know Your Case’ शिविर में बुलाया गया और कहा गया था कि आपके केस का निपटारा कर दिया जाए। दविंदर शर्मा ने कहा कि मैं समय पर पुलिस स्टेशन पहुंच गया, जहां मुझे पता चला कि पुलिस ने मेरी शिकायत खो दी है। उन्होंने मुझे थाने में कम से कम एक घंटे तक इंतजार करवाया। जब इसका विरोध किया तो SHO इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार और थाने के मुंशी ने मेरे साथ बदसलूकी की।

दविंदर शर्मा ने कहा कि मैंने 31 दिसंबर, 2021 को शिकायत पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी मांगने के लिए RTI अधिनियम के तहत एक आवेदन दायर किया था, लेकिन एसएचओ ने उन्हें जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि जानकारी न मिलने पर 7 जून, 2022 को पंजाब राज्य सूचना आयोग पहुंचे।

इस बीच, पता चला कि पुलिस ने डेली डायरी रजिस्टर (डीडीआर) में कुछ फर्जी प्रविष्टियां की थीं कि दविंदर शर्मा बार-बार याद दिलाने के बावजूद पुलिस स्टेशन में पेश नहीं हुए, लेकिन वह मुझे शामिल होने के लिए जारी किए गए समन पेश करने में विफल रहे है। शर्मा ने कहा कि उन्होंने इसी थाने में एसएचओ और मुंशी द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की है।