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जल्लूपुर खेड़ा में अमृतपाल ने बनाई थी फायरिंग रेंज:IG बोले- हुलिया नहीं बदला, पगड़ी उतारकर मूंछों को दाढ़ी के साथ फिक्स किया

जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब पुलिस के IG हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि अमृतपाल के गनमैन गोरखा बाबा के फोन को एग्जामिन किया गया। उसमें सबूत मिले कि जल्लूपुर खेड़ा के पास फायरिंग रेंज बनाकर यह लोग हथियार चलाने की प्रैक्टिस कर रहे थे। आनंदपुर खालसा फोर्स के होलोग्राम बना रखे थे। इसके अलावा हथियारों को खोलने-जोड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।

IG सुखचैन सिंह ने बताया केस में अभी तक 207 लोग पकड़े गए हैं। इनमें 30 आरोपी हार्डकोर क्रिमिनल हैं। उनकी गिरफ्तारी डाली जाएगी। बाकी 177 लोगों के खिलाफ प्रिवेंटिव एक्शन लिया गया है। उनको वैरिफाई किया जा रहा है। अमृतपाल का हुलिया अभी सेम है, लेकिन उसने पगड़ी पहनी है। चश्मा लगाया है। उसने अपनी मूंछों को दाढ़ी के साथ फिक्स कर दिया है।

अमृतपाल बिलगा के शेखूवाल के गुरुद्वारे से लाडोवाल गया था। वहां नदी पार करने के लिए नांव ढूंढ रहा था, लेकिन नांव न मिली तो पुराने पुल को क्रॉस कर हार्डीज वर्ल्ड में गया। वहां से ऑटो लेकर कुरुक्षेत्र के शाहाबाद आया। अमृतपाल 19 मार्च की रात को शाहाबाद में बलजीत कौर के घर रुका। महिला उसको ढाई साल से जानती थी। अमृतपाल को शरण देने वाली महिला SDM के रीडर की बहन है।

अमृतपाल के उत्तराखंड या महाराष्ट्र में होने का शक
​​​​​​​वारिस पंजाब दे का चीफ और खालिस्तान सपोर्टर अमृतपाल सिंह को छठे दिन भी पंजाब पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो वह पंजाब से भाग गया है। पुलिस को उसके उत्तराखंड में होने का शक है। पंजाब से भागकर वह हरियाणा गया था। वहीं पुलिस को महाराष्ट्र के नांदेड़ में अमृतपाल के छिपे होने के भी इनपुट मिले हैं। पंजाब पुलिस की टीमें वहां रेड करने के लिए रवाना हो गई हैं।

पंजाब के पड़ोसी राज्यों के अलावा उत्तराखंड में भी अमृतपाल के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। गुरुघरों की भी जांच की जा रही है। अमृतपाल के साथी तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा को लुधियाना में गिरफ्तार किया गया है। वह अमृतपाल का गनर है।पुलिस और खुफिया एजेंसियों को जांच के दौरान पता चला कि अमृतपाल को 158 विदेशी खातों से फंडिंग की जा रही थी। इनमें से 28 खातों से 5 करोड़ से ज्यादा की रकम भेजी गई थी। इन खातों का संबंध पंजाब के माझा और मालवा से है। अमृतसर, तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर, जालंधर, नवांशहर, कपूरथला और फगवाड़ा के खातों का संबंध अमृतपाल से मिला है।