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लुधियाना पुलिस ने पकड़े नाभा जेल ब्रेक के आरोपी नौकरी का झांसा देकर की लाखों की ठगी फर्जी पहचान पत्र करते थे जारी

जालंधर (ब्यूरो):- लुधियाना पुलिस ने संगरूर जेल से चलाए जा रहे पुलिस विभाग के फर्जी पहचान पत्र जारी करने के रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में से एक कथित तौर पर नाभा जेल ब्रेक मामले में शामिल था।

आरोपियों की पहचान भामियां कलां के पंकज सूरी और हरियाणा के कुरुक्षेत्र के अमन कुमार उर्फ ​​अविलोक विराज खत्री के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से फर्जी पहचान पत्र, एक प्रिंटर, 3 लैपटॉप, पांच मोबाइल और फर्जी स्टांप बरामद किए हैं।

पुलिस कमिश्नर मंदीप सिंह सिद्धू के अनुसार आरोपियों ने पूरे भारत में कम से कम 400 युवाओं को सीसीटीएनएस वालंटियर के रूप में नियुक्त करने के नाम पर 4 लाख रुपये की ठगी की है।

फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया आरोपियों ने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के नाम से एक फेसबुक पेज लॉन्च किया है, जो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का प्रोग्राम है। आरोपी ने 10वीं पास और B.A के छात्रों को सरकारी नेटवर्क में नौकरी का झांसा दिया और 14000 से 22000 रुपए प्रतिमाह वेतन देने का वादा किया। वे पेटीएम के माध्यम से प्रत्येक उम्मीदवार से पंजीकरण के रूप में 999 रुपए लेते थे। बाद में वे पुलिस के विभिन्न रैंकों के साथ उन्हें जाली पहचान पत्र जारी करते हैं।

गुप्त सूचना पर पकड़े आरोपी पुलिस कमिश्नर मंदीप सिंह ने कहा कि साइबर विंग और सीआईए स्टाफ 2 पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पंकज सूरी को गिरफ्तार किया, जो खुद को CCTNS का कमांडेंट बता रहा था। सूरी ने पुलिस को अमन कुमार के बारे में बताया जो संगरूर जेल से रैकेट चला रहा था। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के बाद जेल स्टाफ ने अमन कुमार के पास से 2 मोबाइल बरामद किए।

पकड़े जाने पर उसे नुकसान पहुंचाने के इरादे से उसने एक फोन को फर्श पर पटक दिया था। पुलिस फोन से डेटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है। आरोपियों के खिलाफ लुधियाना के थाना डिवीजन नंबर 7 में आईपीसी की धारा 419, 420, 120बी, 466, 467, 468, 471, सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66सी और 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी अमन पर 30 मामले दर्ज है।