जालंधर (ब्यूरो):- दिल्ली में 24 साल की निक्की यादव की हत्या हुए 7 दिन हो चुके हैं। हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं और लोगों के मन में सवाल भी बढ़ते जा रहे हैं। मसलन क्या आरोपी साहिल ने सगाई और शादी के बीच निक्की का मर्डर प्लान किया था? जब इस मामले में FIR दर्ज नहीं हुई थी, फिर पुलिस उस फ्रिज तक कैसे पहुंची, जिसमें निक्की की लाश छुपाई गई थी।
सवाल-1ः निक्की यादव की हत्या कब और कैसे हुई?
जवाब : 9 फरवरी को दिन में साहिल गहलोत की सगाई होती है। वह सगाई के दिन दोस्तों के साथ नाचते-गाते नजर आता है। इसके बाद 9 फरवरी की ही रात में 11 बजे वह अपनी लिव इन पार्टनर निक्की यादव से मिलने दिल्ली के उत्तम नगर स्थित घर पहुंचता है।
इस वक्त वहां निक्की के साथ उसकी बहन भी मौजूद थी। थोड़ी देर यहां ठहरने के बाद निक्की और साहिल कार में बैठकर निकल जाते हैं। 10 फरवरी को गोवा जाने के लिए निक्की ने पहले ही टिकट बुक करवा लिया था, लेकिन साहिल के पास टिकट नहीं था। ऐसे में निक्की साहिल के लिए टिकट बुक करने की कोशिश करती है। जब साहिल का टिकट नहीं बुक होता है तो दोनों पहाड़ों पर जाने का फैसला करते हैं।
इसके लिए दोनों आनंद विहार ISBT जाते हैं, जहां पता चलता है कि उन्हें कश्मीरी गेट से बस मिलेगी। कश्मीरी गेट ISBT पहुंचने पर पता चलता है कि हिमाचल प्रदेश की सारी बसें निकल गई हैं। अब निक्की और साहिल दोनों कार में बातें करने लगते हैं। साहिल को बार-बार उसके घर से फोन आ रहा होता है।
साहिल उसे वहीं छोड़कर घर जाने की बात कहता है। इसी पर दोनों में बहस तेज हो जाती है। साहिल कार में पड़े मोबाइल चार्जर के डेटा केवल से गला घोंटकर उसकी हत्या कर देता है। ये बयान पुलिस को साहिल गहलोत ने दिया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
सवाल- 2: साहिल ने निक्की की हत्या के बाद शव के साथ क्या किया?
जवाब: निक्की की हत्या के बाद साहिल गहलोत ने उसे कार की अगली सीट पर अच्छे से बिठाकर बेल्ट से बांध दिया। इसके बाद वह 40 किलोमीटर गाड़ी चलाकर मित्रांव गांव के बाहरी इलाके में स्थित एक ढाबे पर पहुंचा। इस ढाबे का मालिक खुद साहिल गहलोत ही है।
उसने निक्की के शव को ढाबे में रखे फ्रिज में छिपा दिया। कार में रखे निक्की के बैग को ढाबे में रखकर साहिल वहां से 700 मीटर दूर अपने घर चले गया। अगले दिन साहिल की धूमधाम से शादी होती है। ये बयान भी पुलिस को साहिल गहलोत ने दिया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
सवाल-3: बिना FIR दर्ज हुए पुलिस निक्की यादव के शव तक कैसे पहुंची?
जवाब : दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के कमिश्नर रवींद्र यादव का कहना है कि 2-3 दिनों तक निक्की से बात नहीं हो पाने पर उसके पिता ने क्राइम ब्रांच में जानने वाले एक पुलिस अधिकारी से बात की। क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने साहिल से फोन पर बात करने की कोशिश की तो निक्की और साहिल दोनों का फोन बंद था।
शक के आधार पर साहिल को हिरासत में लेकर पुलिस उसके ढाबे पर पहुंची। पुलिस ने इसी ढाबे के फ्रिज से निक्की का शव बरामद किया। इसके बाद बाबा हरिदास नगर थाने में हत्या का केस दर्ज कर मामले में जांच की जा रही है।
सवाल- 4: निक्की मर्डर केस में अभी तक पुलिस के हाथ क्या-क्या सबूत लगे हैं?
जवाब : पुलिस ने डिस्पोज होने से पहले ही शव को बरामद कर लिया है। इसके अलावा शव के पास से ही निक्की के बैग भी बरामद हो गए हैं। साहिल के पास से हत्या में इस्तेमाल होने वाला डेटा केबल और निक्की का मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है।
इस घटना को अंजाम देने के वक्त साहिल ने चचेरे भाई की हुंडई वरना कार का इस्तेमाल किया था। ऐसे में पुलिस ने उस कार को भी जब्त कर लिया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि किसी मर्डर केस को सॉल्व करने के लिए जिस प्राइमरी सबूत की जरूरत होती है, वह बरामद हो गया है।
सवाल- 5: पुलिस अब इस मामले में किस एंगल से जांच कर रही है?
जवाब : पुलिस कमिश्नर रवींद्र का कहना है कि निक्की की लाश डिस्पोज होने से पहले हमने बरामद कर लिया। यह दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी जीत है। आरोपी शव को ठिकाने लगाने में कामयाब हो जाता है तो जांच प्रक्रिया काफी लंबी हो जाती है। हालांकि, इस केस में अब सारे प्राइमरी सबूत मिल गए हैं। ऐसे में पुलिस 3 तरह से जांच में आगे बढ़ रही है…
- आरोपी के बयान को क्रॉस चेक किया जा रहा है। आरोपी उस रोज निक्की के साथ जहां-जहां गया उस जगह पर उसे ले जाकर उसके बयान को वेरीफाई किया जा रहा है।
- 9 और 10 फरवरी को जहां से वह निकला और जहां उसने शव को छिपाया। इस बीच के सारे CCTV फुटेज को जुटाया जा रहा है। इसके बाद उसके बयान के आधार पर घटना के सीक्वेंस को जोड़ा जाएगा।
- फोरेंसिक एक्सपर्ट के जरिए सभी सबूतों की जांच की जा रही है। ताकी सभी गवाहों से बात करके केस को और ज्यादा मजबूत किया जाए।
सवाल- 6: साहिल ने प्लान करके हत्या की है या ये हीट ऑफ द मोमेंट में हुआ?
जवाब : पुलिस कमिश्नर रवींद्र यादव का कहना है कि ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा। हालांकि, प्राइमरी सबूतों और पूछताछ के आधार पर ऐसा लगता है कि आरोपी ने घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया है।
वह कार में बिठाकर लड़की को दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर घुमाता है। बहस होने पर डेटा केबल से गला घोंटकर कार में हत्या कर देता है।
इसके बाद 40 किलोमीटर तक उसके शव को लेकर कार ड्राइव करता है। फिर अपने ढाबे के फ्रिज में शव को छिपा देता है। उसके मोबाइल से डेटा डिलीट करके फोन ऑफ कर देता है। कुछ घंटे बाद दूसरी लड़की से शादी करते वक्त वह नॉर्मल नजर आता है। इन बातों को सीक्वेंस में देखने पर लगता है कि उसने साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया। हम इस एंगल से भी जांच कर रहे हैं।
सवाल-7: क्या श्रद्धा वॉकर मर्डर केस की तरह निक्की यादव के केस में भी DNA टेस्ट होगा?
जवाब : पुलिस अधिकारी का कहना है कि ऐसे केस में DNA टेस्ट की जरूरत तब होती है, जब शव की पहचान नहीं हो पाती है। जैसे श्रद्धा वॉकर की हत्या के बाद उसके बॉडी को लिव इन पार्टनर ने टुकड़े करके डिस्पोज कर दिया था। उसके बॉडी पार्ट्स को बरामद करके DNA टेस्ट के जरिए पता किया था कि ये श्रद्धा का ही शव है। निक्की यादव का शव मिल गया है, उसकी पहचान हो गई है। ऐसे में इस मामले में DNA टेस्ट की जरूरत नहीं होगी।
सवाल- 8: क्या अभी तक पुलिस को मिले सबूत साहिल को हत्यारा साबित करने के लिए काफी हैं?
जवाब : सुप्रीम कोर्ट के वकील और ‘रेप लॉ एंड डेथ पेनल्टी’ के लेखक विराग गुप्ता कहते हैं कि किसी भी अपराधी या अभियुक्त को सजा दिलाने के लिए कम्प्लीट चेन ऑफ इवेंट्स का होना जरूरी होता है।
1984 में शरद विर्विचंद शारदा वर्सेस स्टेट ऑफ महाराष्ट्र केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सजा देने के लिए संदेह के दायरे से परे पूरा केस पुष्ट होना चाहिए। ताकि संदेह का लाभ अपराधी को नहीं मिले। इसी बेस पर छावला गैंगरेप-मर्डर केस में हाल में अपराधियों की रिहाई हुई थी।
यानी सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट और IPC या CRPC के प्रावधानों के अनुसार ये किसी भी मामले में लागू होता है। ये नियम श्रद्धा की हत्या पर भी लागू हुआ था और अब निक्की यादव हत्या के मामले में भी लागू होगा।
सवाल-9: मर्डर में इस्तेमाल डेटा केबल के मिलने से क्या फर्क पड़ेगा?
जवाब: विराग कहते हैं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र है कि निक्की की हत्या गला घोंटकर हुई है। इसमें इस्तेमाल होने वाला मोबाइल चार्जर का डेटा केवल पुलिस को उसके पास से ही मिला है। ऐसे में पुलिस अपने चार्ज शीट में इसे हत्या में इस्तेमाल होने वाले वेपन के तौर पर पेश करेगी। इसके जरिए पुलिस को इस केस सॉल्व करने में आसानी होगी और साथ ही केस मजबूत होगा।
सवाल- 10: पुलिस के सामने साहिल के कबूलनामे के क्या मायने हैं?
जवाब : पुलिस अधिकारी रवींद्र यादव का कहना है कि आरोपी ने 12 फरवरी 2023 को निक्की यादव की हत्या की बात कबूल कर ली है। हालांकि, एडवोकेट विराग कहते हैं कि पुलिस के सामने दिए गए बयान की कानूनी अहमियत ज्यादा नहीं होती है। जब तक मजिस्ट्रेट के सामने वह बयान ना दिया जाए। पुलिस के सामने दिए गए बयान को अन्य साक्ष्यों या सबूतों के साथ जोड़ना जरूरी है।
साथ ही किसी भी मामले में दो साक्ष्य जो सबसे ज्यादा जरूरी हैं वो हैं पहला हथियार की बरामदगी और दूसरा शव की बरामदगी। इस केस में ये दोनों बरामद हो गया है। ऐसे में पुलिस के लिए साबित करना आसान हो गया है कि हत्या हुई है और किसने की है।