जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब राज्य महिला आयोग के चेयरपर्सन पद से मनीषा गुलाटी को हटाने के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने फैसला वापस लेने की बात कही।
इससे मनीषा गुलाटी अब राज्य महिला आयोग के चेयरपर्सन के पद पर काबिज रहेंगी। जबकि इससे पहले पंजाब सरकार द्वारा उनका कार्यकाल 6 महीने पहले ही खत्म करने के आदेश जारी किए गए थे। राज्य सरकार के इस फैसले को मनीषा गुलाटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर आज सुनवाई हुई।
इससे पहले हाईकोर्ट ने मनीषा गुलाटी की याचिका पर बीते मंगलवार को पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया था। सरकार द्वारा जवाब के लिए समय की मांग पर हाईकोर्ट ने बुधवार तक के लिए सुनवाई टाल दी थी।
गौरतलब है कि महिला सुरक्षा एवं बाल विकास विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए थे। इसमें मनीषा गुलाटी को सेवा विस्तार न देते हुए जारी पत्र को खारिज कर दिया गया था। हालांकि मनीषा गुलाटी का कार्यकाल खत्म होने में फिलहाल 6 महीने शेष थे।
2018 में नियुक्ति और 2020 में 3 साल की बढ़ोतरी
कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई वाली पूर्व सरकार के कार्यकाल में मनीषा गुलाटी को मार्च 2018 में पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। फिर साल 2020 में उनके कार्यकाल में तीन साल की बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद 20 फरवरी 2022 को वह भी भाजपा में शामिल हो गई लेकिन अपने पद पर बनी रही।
विभाग ने प्रावधान नहीं होने पर किए आदेश जारी
मनीषा गुलाटी को समय से पहले सेवामुक्त करने के लिए संबंधित विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया था। इसमें पंजाब राज्य महिला आयोग अधिनियम 2001 (आगे के संशोधन) में मौजूदा अध्यक्ष या आयोग के सदस्यों के सेवा विस्तार के संबंध में कोई प्रावधान नहीं होने बारे कहा गया था।
चेयरपर्सन व सदस्यों का कार्यकाल 3 साल के लिए ही होता है। नियम के तहत जब भी चेयरपर्सन और सदस्यों के रिक्त पदों को भरना होता है तो इस संबंध में अखबारों में विज्ञापन देना होता है। ऐसे महत्वपूर्ण पद पर कोई भी व्यक्ति उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त नहीं किया जा सकता है।
2012 के नोटिफिकेशन का हवाला दिया
पंजाब सरकार द्वारा चेयरपर्सन निर्धारित करने के लिए साल 2012 में जारी अधिसूचना का हवाला भी दिया गया है। इसमें बताया गया कि चेयरपर्सन की नियुक्ति के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री पंजाब की अगुआई में 3 सदस्यीय कमेटी गठित करनी होती।