जालंधर (ब्यूरो):- लुधियाना के गुरु ज्ञान विहार में 1987 खरीदे प्लाट के जाली दस्तावेज बना जालसाजों ने कई साल पहले मर चुके व्यक्ति की संपत्ति के फर्जी मालिक खड़े कर रजिस्ट्री करवाई और बाद में बेच डाली। मामले की परते खुलने के बाद पीड़ित पक्ष की तरफ से लुधियाना पुलिस कमिश्नर को शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
इस संबंध में थाना पी.ए.यू. लुधियाना में गगनदीप, अनिलजीत, माना, चरणजीत तथा एडवोकेट के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा-419 420 465 467 468 34 के तहत मामला दर्ज किया।
इस संबंध में पुलिस को दी गई शिकायत में एडवोकेट गुलशन अरोडा ने आरोप लगाया कि उनके पिता दिन राम लुधियाना में कपड़े का कारोबार करते थे। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने अपने बेटे हरीश तथा प्रवीण कुमार के नाम पर गांव जहीं गुरु ज्ञान विहार में दो प्लाट खरीदे थे जिनमें से एक प्लाट हरीश कुमार के नाम पर था जबकि दूसरा प्रवीण कुमार के नाम पर था। आरोप है कि उनके पिता ने दुकानों और प्लाट की रजिस्ट्री करवाने के लिए दी थी। 1996 के बाद पिता कभी लुधियाना नहीं गए इतना ही नहीं साल 1996 में उनके पिता की मौत भी हो गई। उनके अनुसार वह लगातार उक्त लोगों से अपने पिता के द्वारा दिए गए दस्तावेजों की मांग करते रहे मगर वे लगातार टालमटोल करते रहे।
आरोप है कि गुरविंदर पाल सिंह तथा उनकी पत्नी श्रीमती कृष्णा और अनिल जीत सिंह उनके जालंधर स्थित घर करार खां मोहल्ला में आए था। आरोप है कि इसके बाद लगातार वाह उक्त लोगों से अपने प्लाट की असली रजिस्ट्री मांगते रहे मगर वह लगातार टालमटोल करते रहे। इस बाद में गुरपाल सिंह को उक्त प्लाट दौरान बार बार दबाब पाए जाने के बाद अनिल जीत ने बताया कि उनकी संपत्ति गुरु ज्ञान विहार में है जहां फरवरी 2020 में उक्त लोगों ने उन्हें फर्जी प्लाट दिखा दिए जिसके बाद वे लोग शांत हो जाए। इसके बाद जब दोबारा उक्त लोगों से उन प्लाटों के दस्तावेजों की मांग की गई तो 2021 में अनिल जीत ने कहा कि वह उस प्लाट की रजिस्ट्री जला चुका है। साल 2012 में गगनदीप सिंह पुत्र गुरविंदर पाल सिंह उर्फ जी.पी. ने अपने पक्ष में किसी अपने रिश्तेदार प्रवीण कुमार बनाकर जाली मुख्तारनामा बना लिया जिसे गुरदीप कौर तथा सत्यद जीत पाल कौर के नाम पर बनाया गया इसके बाद गुरविंदर पाल सिंह ने माना निवासी मॉडल हाऊस लुधियाना को हायर करके अपने हक में जाली मुख्तारनामा बना लिया और बाद में गुबाजसिंघ को उक्त प्लाट बेच दिया गया। आरोप है कि जब उन्हें इस पूरी धांधली के बारे में पता चला तो उन्होंने उक्त लोगों से इस बारे में पूछताछ की तो आरोपियों ने अपनी गलती कबूल की और कहा कि वह पुलिस में शिकायत न करें इसके बाद जब दोबारा उक्त क्योंकि वह मौजूदा समय में प्लाट का जो मूल्य है वह दे देंगे। आरोप है कि वे लगातार उक्त लोगों को फोन करते रहे मगर न तो उनका फोन उठाया गया और न ही उनकी बात सुनी गई। इसके बाद थक हार कर उन्होंने लुधियाना पुलिस कमिश्नर को शिकायत दर्ज करवाई थी जिस उपरांत लंबी जांच प्रक्रिया के बाद थाना पी.ए.यू. लुधियाना में गगनदीप, अनिलजीत, माना, चरणजीत तथा एडवोकेट के खिलाफ आईपीसी की धारा-419 420465467468 34 के तहत मामला दर्ज़ किया