जालंधर (ब्यूरो):- जो महिला साड़ी पहने हैं उनका नाम है किरण डेम्बला। जो सिक्स पैक एब्स में दिख रही हैं वो भी किरण ही हैं। ये ट्रांसफॉर्मेशन एक सामान्य हाउसवाइफ और दो बच्चों की मां का है। अभी किरण 47 साल की हैं। जिम ट्रेनर, बॉडी बिल्डर, डीजे, गायिका, फोटोग्राफर सब हैं। ये साउथ की स्टार फिटनेस ट्रेनर हैं। अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया, तापसी पन्नू, एस.एस. राजामौली, रामचरण तेजा और ऐसे ना जाने कितने साउथ सुपर स्टार्स की फिटनेस ट्रेनर हैं।
कुछ सालों पहले तक किरण एक साधारण हाउसवाइफ थीं, जिन पर घर और दो बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी थी। बाहरी दुनिया से लगभग कोई लेना-देना ही नहीं था। परिवार ही सब कुछ था। एक दिन ब्रेन में क्लॉटिंग हुई। जिसे ठीक करने के लिए दवाइयों के डोज लिए, जिससे उनका वजन 53 किलो से बढ़कर 75 किलो तक पहुंच गया। फिर एक दिन किरण ने खुद को बदलने की सोची। जिम जॉइन की। शरीर को सुधारने के लिए जो जिम मजबूरी में जॉइन किया था, आगे वो पैशन बन गया।
किरण बॉडी बिल्डर बन गईं। जिम में साउथ सुपरस्टार रामचरण तेजा ने इन्हें देखा। इम्प्रेस हो गए। उन्होंने किरण को अपनी पत्नी उपासना के लिए जिम ट्रेनर के तौर पर हायर किया। इसके बाद तो किस्मत ही बदल गई। एक के बाद एक कई साउथ स्टार किरण के शागिर्द हो गए। सिक्स पैक बॉडी देख कर लोगों ने ताने भी मारे कि ये पूरी तरह मर्दों जैसी लगती है। चाल-ढाल भी वैसा हो गया है। लोग जिम में ट्रेनिंग लेने से भी कतराते थे।
खुद को एक सामान्य हाउस वाइफ से स्टार फिटनेस ट्रेनर तक लाने का किरण का सफर काफी रोचक है। आमतौर पर लगभग हर हाउसवाइफ की कहानी वैसी ही होती है, जैसी किरण की है। फर्क इतना है कि किरण ने खुद को समय रहते मोटिवेट किया। मेहनत की और अपनी किस्मत खुद बदल ली।
पढ़िए, आज स्ट्रगल स्टोरीज में इन्हीं किरण डेम्बला की कहानी, खुद उनकी जुबानी
मेरा जन्म 10 नवंबर 1974 को आगरा के मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। हम चार भाई-बहन थे। पापा बैंकर थे और मां हाउसवाइफ। मुझे संगीत से बहुत लगाव था। मैंने आगरा घराने से 4 साल की उम्र में ही संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। 1995 तक मैं कई स्टेज परफॉर्मेंस का हिस्सा रही और इसी साल भारतीय शास्त्रीय गायन में मास्टर की डिग्री हासिल की।
ससुराल वालों की वजह से संगीत से बना ली दूरी
इसके दो साल बाद ही 1997 में मेरी शादी एक सिंधी परिवार में हो गई। पति अजित एक IT प्रोफेशनल हैं। लोग कहते थे कि शादी के बाद चीजें बदल जाती हैं, मुझे भी इस बात का एहसास शादी के बाद ही हुआ। शादी के बाद मेरी जिंदगी किचन तक ही सिमट कर रह गई। ससुराल वालों की तरफ से गाना गाने की मनाही थी इसलिए मैंने पूरी तरह से इससे दूरी बना ली। इसके बाद मैंने कोई स्टेज शो नहीं किया।
दो बच्चों की मां बनी, कई देश भी घूमीं
शादी के 2 साल बाद मैंने 1999 में बेटी प्रियंका को जन्म दिया। इसके बाद मैं, पति और बेटी के साथ बैंगलोर शिफ्ट हो गई क्योंकि वहां पर पति की नौकरी WIPRO में लग गई थी। काम के सिलसिले में पति को विदेश भी जाना पड़ता था। इस वजह से मैंने भी जर्मनी, जापान और US का टूर किया। इसी दौरान मैं दोबारा प्रेग्नेंट हुई और वापस बैंगलोर आकर बेटे क्षितिज को जन्म दिया।
घर में जिंदगी कट रही थी, मैं अक्सर सोचती थी कि मैं कर क्या रही हूं। मेरी अपनी जिंदगी कुछ नहीं रह गई थी। एक दिन तबीयत बिगड़ गई। जांच में पता चला कि ब्रेन में क्लॉटिंग है। मैं बहुत ज्यादा सोचती थी, जिसकी वजह से ये बीमारी हुई।
इलाज के दौरान मुझे बहुत कुछ सहना पड़ा। कई MRI टेस्ट हुए। डॉक्टर ने जो दवा दी, उससे मुझे हर समय नींद आती रहती थी। इस वजह से मैं घर का काम भी नहीं कर पाती थी। डॉक्टर मेरी स्पीडी रिकवरी चाहते थे, लेकिन उसका मुझ पर उल्टा असर हुआ। दवाइयों के ओवरडोज की वजह से कई दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स हुईं और वजन भी बढ़ गया। वजन 53 से बढ़कर 75 किलो हो गया।
पति के सुझाव पर म्यूजिक क्लासेज शुरू किया
इन सब चीजों की वजह से मैं बहुत परेशानी रहती थी। एक दिन मैंने पति से कहा कि मुझे कुछ करना चाहिए। ऐसे पूरी जिंदगी नहीं गुजार सकती। मेरी हालत को देखकर उन्होंने कहा कि मुझे घर पर ही दूसरे बच्चों को संगीत सिखाना शुरू कर देना चाहिए। घर से इसलिए क्योंकि मेरा इलाज चल रहा था और बच्चों को भी मेरी जरूरत थी। 10 साल बाद मैंने फिर से खुद को संगीत के लिए तैयार किया, हारमोनियम और तबला भी खरीदा। स्कूल के बाहर अपनी म्यूजिक क्लासेज के बारे में प्रचार किया। इस तरह से मैंने संगीत सिखाना शुरू किया।
इलाज के दौरान वेट कैसे कम करूं, ये भी समझ में नहीं आ रहा था। इसी वजह से मैंने घर के पास ही एक योग सेंटर में दाखिला ले लिया, लेकिन कुछ समय में ही वो योग सेंटर बंद हो गया जिसके बाद मैंने स्विमिंग क्लासेज जॉइन की। मैंने इसे भी 15 दिन बाद ही छोड़ दिया क्योंकि किसी ने मुझे स्विमिंग क्लास के दौरान पानी में फेंक दिया था जिस वजह से मैं बहुत डर गई थी। दूसरी ये भी वजह थी कि जब मैं स्विमिंग क्लास के दौरान पानी के अंदर जाती थी तो मेरे सिर में दर्द होने लगता था।
हालांकि कुछ दिनों बाद ही मुझे एहसास हुआ कि अगर मुझ पर कमजोरियां इतना हावी होने लगेंगीं तो मैं फ्यूचर में तो कुछ भी नहीं कर पाऊंगी। इसके बाद मैंने डिसाइड किया कि मैं फिर से स्विमिंग क्लास जॉइन करूंगी और मैंने किया भी। लगभग एक साल तक मैंने स्विमिंग क्लास ली। इसके बाद मैंने जिम जॉइन किया।
मैंने जिम तो जॉइन कर लिया था, लेकिन मेरे मन में डर था। वजह ये थी कि जिम में आदमी ज्यादा थे। पढ़ाई मैंने गर्ल्स स्कूल में की थी इसलिए लड़कों के साथ मेरी ज्यादा दोस्ती नहीं थी। इसी वजह से मैं कोने में जाकर अपना वर्कआउट करती थी। फाइनेंशियल भी इतनी स्ट्रॉन्ग नहीं थी कि पर्सनल ट्रेनर हायर कर सकूं। हालांकि समय के साथ मैंने लोगों से बात करनी शुरू की और बेसिक वर्कआउट करना शुरू किया।
मैं सुबह 4 बजे ही उठकर जिम के लिए तैयार हो जाती थी। 5 से 6 बजे तक जिम करती थी, उसके बाद घर। घर आने पर सबसे पहले बेटे को फीड कराती थी, बेटी को तैयार करके स्कूल भेजती थी और पति के ऑफिस के लिए टिफिन बनाती थी। इस तरह मैंने जिम और घर का खाना खाकर 7 से 8 महीने में 28 किलो वेट कम कर लिया था।
सीखने के बाद जिम खोलकर दूसरों को सिखाना शुरू किया इसी दौरान मैंने अमेरिकन मसल एंड फिटनेस पर्सनल ट्रेनर पर एक ऑनलाइन कोर्स किया। इस कोर्स से मुझे बहुत मदद मिली जिसके बाद मैंने खुद का एक जिम खोला। मेरा ये सफर काफी सफल रहा। कई लोगों को मैंने ट्रेंड किया। इस तरह से मैंने खुद को घर की चारदीवारी से बाहर किया।
एक दिन मेरी मुलाकात साउथ स्टार राम चरण से हुई। वो मेरी बॉडी और हार्ड वर्क से बहुत प्रभावित हुए जिसके बाद उन्होंने अपनी वाइफ उपासना के लिए मुझे बतौर फिटनेस ट्रेनर हायर किया। इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और ऐसे एक-एक करके मैंने तमन्ना, तापसी पन्नू, प्रकाश राज, एस.एस. राजामौली और अनुष्का शेट्टी को ट्रेंड किया। फीमेल ट्रेनर की वजह से मुझे बहुत डिमोटिवेट किया गया। इंडिया में फीमेल फिटनेस ट्रेनर की कोई कीमत नहीं है क्योंकि कोई भी महिला से ट्रेनिंग नहीं लेना चाहता है।
इस दौरान मैंने घर की जिम्मेदारियां भी निभाईं। खाना बनाना, बच्चों को स्कूल भेजना, ट्यूशन और घर की हर छोटी-बड़ी चीजों का ख्याल रखा। इस तरह से समय गुजरता गया।
37 साल की उम्र में मैंने सिक्स पैक बॉडी बनाने का फैसला किया। इस चीज को पूरा करने के लिए मैंने खुद को मानसिक तौर पर तैयार किया। मैंने खुद की डाइट, लाइफस्टाइल हर चीज में बदलाव किया और 6-7 महीने में ही मैंने रिब बॉडी बना ली। मेरी सिक्स पैक बॉडी को देखने के बाद लोग ताने मारते थे कि औरत होकर आदमियों जैसी दिखती है। आवाज और चाल-ढाल भी सब मर्दो जैसा ही हो गया है। मुझसे जिम में ट्रेनिंग लेने से भी कतराते थे।
किस्सा जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी का …
सिक्स पैक बॉडी बनाने के बाद मैंने खुद का फोटोशूट करवाया। एक दोस्त की मदद से मैंने खुद की फोटो गैलरी बनाई जिसका उद्घाटन करने फिल्म डायरेक्टर एस.एस. राजामौली और अनुष्का शेट्टी आईं थीं। कई बड़े सेलेब्स की मौजूदगी की वजह से मेरी फोटो गैलरी में मीडिया भी मौजूद रही, जिन्होंने मुझे भी कवर किया। अगले दिन मैं खुद भी कई अखबारों और न्यूज चैनल पर दिखाई दी। ये मेरी लाइफ का सबसे खूबसूरत हिस्सा था। मेरी फोटो को देखने के बाद इंडियन बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन ने मुझे अप्रोच किया और इस तरह से 2013 में वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइट में मैंने हिस्सा लिया।
वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइट में पति को बिकिनी पहनने पर थी आपत्ति
वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइट में पार्टिसिपेशन के दौरान मुझे डायरेक्ट एंट्री मिल गई क्योंकि आमतौर पर कोई मां बनने के बाद फाइट चैंपियनशिप में भाग नहीं लेता है। मैंने इसमें पार्टिसिपेट तो कर लिया था, लेकिन मेरे सामने बिकिनी चुनौती बाकी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि पति को इस चीज के लिए कैसे राजी करूं, क्योंकि बिकिनी पहनने पर उन्हें आपत्ति थी। हालांकि बाद में उन्हें बहुत समझाया कि विदेश में मुझे पहनना होगा, इस दौरान यही ड्रेस कोड होता है। आखिरकार वो मान गए। इसके बाद मैंने चैंपियनशिप की तैयारी शुरू की।
चैंपियनशिप के 20 दिन पहले मैं एक प्रोग्राम में जा रही थी। मैंने इस दौरान साड़ी पहनी और बालों में फूल लगाया था। तभी अचानक एक आदमी ने मेरी कार को टक्कर मार दी। मैं शांत रही और उसे कुछ नहीं बोली, लेकिन वो आदमी मुझे गाली देने लगा। उसके इस बिहेवियर के बाद मैं कार से बाहर निकली।
वो मेरी बॉडी देखकर भौचक्का रह गया। वो इसके आगे कुछ बोलता, मैंने उसे थप्पड़ मार दिया। मैंने उससे कहा कि आगे कभी भी किसी औरत को गाली मत देना। कुछ ही देर में आसपास के लोग और पुलिस इकट्ठा हो गई। बाद में उस आदमी ने अपनी खराब हरकत के लिए मुझसे माफी भी मांगी।
चैंपियनशिप के 15 दिन पहले ससुर की मौत
चैंपियनशिप के 15 दिन पहले एक और हादसा हुआ। मेरे पति ने बताया कि पापा (ससुर) का निधन हो गया। इस वजह से हम सभी को मुंबई जाना पड़ा। घर की छोटी बहू थी तो घर का पूरा काम मुझे ही करना पड़ा। रोज सुबह उठकर गाय को चारा देती, फिर घर का सारा काम करती। इस दौरान मैं खुद के शरीर और चैंपियनशिप की तैयारी पर ध्यान नहीं दे पा रही थी। घर वालों से शरीर को छुपाने के लिए सलवार सूट पहनना पड़ता था। ये सारी चीजें मुझे बहुत परेशान करती थी।
एक दिन मैं बहुत रोई और पति से बात करने का फैसला किया। मैंने उनसे कहा कि जो हो गया है उसे हम बदल नहीं सकते हैं, लेकिन जो अच्छा होने वाला है, उसके लिए तो काम कर सकते हैं। उनको समझाया कि मैंने जो खुद पर इतनी मेहनत की है वो सब कुछ खराब हो जाएगा।
वो मेरी बात पर सहमत हुए और मुझे सपोर्ट किया। हालांकि मेरे घर के बड़े-बुजुर्ग इस बात को समझ नहीं पा रहे थे। मैंने उन्हें भी बहुत समझाया। भतीजे की वजह से मैंने घर के पास में जिम में वर्कआउट करना शुरू किया। मैं जिम सलवार-सूट में जाती थी, लेकिन वहां पहुंचने के बाद मैं जिम वियर पहन लेती थी। जब मैं पहले दिन कपड़े बदलकर आई तो वहां मौजूद सभी लोग हैरान हो गए।
जब मैं जिम आती तो अपने साथ जिम वियर और जूते नहीं लाती थी क्योंकि घरवालों ने जिम करने की परमिशन नहीं दी थी, सिर्फ ये बात पति को मालूम थी। मेरा भतीजा छत की तीसरी मंजिल से जिम वियर और जूते फेंक देता था और मैं नीचे खड़ी उसको कैच कर लेती थी। घरवालों से मैं झूठ बोलकर जाती थी कि किसी काम से बाहर जा रही हूं।
पड़ोसी से अंडे उबलवा कर घरवालों से छुपकर खाती थी
इस दौरान एक दूसरी समस्या भी थी। ससुर के निधन की वजह से घर पर नॉनवेज बनाने की मनाही थी। मैं जब घर के बाहर गाय को चारा खिलाने जाती थी तो अंडे खरीद लेती। फिर पड़ोसियों से मिन्नत करती थी कि वो मुझे उबालकर अंडे दे दें, लेकिन कोई पड़ोसी तैयार नहीं होता था। हालांकि बाद में एक परिवार राजी हुआ जो रोज मुझे अंडे उबाल कर देते थे। घर में किसी को पता नहीं चले इसलिए घर से दूर कहीं कोने में मैं मछली और चिकन खरीद कर खाती थी क्योंकि अंडे के अलावा मछली और चिकन भी मेरी सेहत के लिए जरूरी थे।
वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइट में छठा स्थान हासिल किया
कुछ दिनों बाद मैं हैदराबाद वापस आई और बिना घर गए सीधे जिम चली गई। इसके बाद मैंने 10 दिन तक जिम में खूब वर्कआउट किया और इसके बाद चैंपियनशिप के लिए बुडापेस्ट गई। कॉम्पिटिशन के दौरान मैंने पहली बार बिकिनी पहनी, फिर आईने में देखकर खुद की तारीफ की। इस कॉम्पिटिशन में मैंने 6th पोजिशन पर अपनी जगह बनाई। जब इस बात की घोषणा हुई कि मुझे कॉम्पिटिशन में छठा स्थान मिला है तो मैं बहुत रोई। मैं इस मुकाम पर बहुत कठिन सफर को तय करके पहुंची थी।
इसके बाद मैं घर वापस आई। घर पर सभी मेरी इस कामयाबी से बहुत खुश थे। सब कुछ पहले से खूबसूरत और ठीक हो गया। कुछ दिनों के बाद मैंने देखा कि मेरे कुछ दोस्त पहाड़ों पर ट्रैकिंग करने जा रहे हैं। फिर मैंने भी फैसला किया कि मैं भी जाऊंगी। वाकई ये अनुभव भी बहुत खूबसूरत था। मैंने बहुत सारे पहाड़ों पर ट्रैकिंग की। मैंने एवरेस्ट बेस कैंप भी कवर किया है।
डीजे और फोटोग्राफर भी हैं किरण
इतनी सारी चीजें हासिल करने के बाद दिल में कही संगीत अभी जिंदा था। वजह ये थी कि बचपन में मैंने उसको जिया और वो पहला प्यार भी था। इसके बाद मैंने म्यूजिक में कुछ करने का मन मनाया। फिर 42 साल की उम्र में मैंने बतौर डिस्को जॉकी अपनी पहचान बनाई। अपने इस काम के लिए भी मैंने अपने पति को मना लिया।
ये काम तो यंग लोगों का होता है, लेकिन मैंने रिस्क लेकर डिस्क जॉकीइंग का कोर्स किया। इसके बाद मैंने कई नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर म्यूजिक प्ले किया। 2017 में मुझे डेब्यू फीमेल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
मैं यहां पर भी नहीं रुकी। मेरी मोबाइल फोटोग्राफी अच्छी थी तो मैंने फोटोग्राफी का प्रोफेशनल फोट्रिया एकेडमी में कोर्स किया। मैं अब एक ट्रेंड फोटोग्राफर भी हूं और फोटोग्राफी से जुड़े कई सारे इवेंट्स का हिस्सा भी।