जालंधर (ब्यूरो):- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं। कृषि, शिक्षा, गरीबों के लिए अहम ऐलान किए गए। सुधार के गंभीर कदमों का जिक्र किया और इस दौरान एक मजेदार लम्हा भी आया।
स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर रही थीं। पहले कहा- ओल्ड पॉलिटिकल व्हीकल हटाए जाएंगे… फिर बोलीं- सॉरी…सॉरी, ओल्ड पॉल्यूटेड व्हीकल्स को हटाएंगे।
बजट स्पीच अपडेट्स…
युवाओं के कृषि स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए एग्रीकल्चर फंड की स्थापना की जाएगी।
अगले 3 साल तक 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग में मदद की जाएगी। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाए जाएंगे।
रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। इन्वेस्टमेंट खर्च को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए किया जा रहा है।
पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है यह सेक्टर अब 69 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा।
बजट की बड़ी बातें…
1. अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर
भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।
2. 28 महीने तक तक गरीबों को मुफ्त अनाज
कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
3. प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई
2014 से ही सरकार की कोशिश लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना और क्वालिटी देना रहा है। प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हो गई है। दुनिया भारत को चमकदार सितारे की तरह देख रही है। ग्लोबल स्लोडाउन के चलते हमारी विकास दर 7% रही है। बाकी देशों की तुलना में सबसे मजबूत है।
4. डिजिटल पुस्तकालय, टीचरों की भर्ती
बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे। इसके तहत 3.5 लाख आदिवासी छात्रों को फायदा मिलेगा। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
5. राहत और सुधार
कोरोना से प्रभावित हुए छोटे और मझोले उद्योगों को राहत दी जाएगी। विवादों के निपटारे के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी। लंबी प्रोसेस के बिना ही विवाद सुलझ सकेंगे। व्यवसायों के लिए PAN नंबर का इस्तेमाल सभी डिजिटल सिस्टम्स के लिए पर्याप्त होगा।
पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इससे PBTG बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। 15 हजार करोड़ दिए जाएंगे।
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र।
वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।
सीतारमण ने पहले बजट के साथ ही परंपराओं को तोड़ना शुरू किया। 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं यानी बहीखाता। रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले सबसे लंबी स्पीच जसवंत सिंह ने दी थी। 2003 में वे 2 घंटे 15 मिनट तक बोले थे।
2. 2020 दूसरा बजट: इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण
सीतारमण ने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया। ये भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था। तबीयत बिगड़ी तो आखिरी दो पन्ने पढ़े ही नहीं। पीठ से कह दिया कि इन दो पन्नों को पढ़ा हुआ मान लिया जाए।
3. 2021 तीसरा बजट: पहली बार पेपरलेस बजट
सीतारमण लाल रंग के टैबलेट में बजट लेकर पहुंचीं। इतिहास बना। देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया गया। देश के 3 राज्यों हिमाचल (2015), ओडिशा (2020) और हरियाणा (2020) में पहले ही पेपरलेस बजट पेश किया जा चुका था।
4. 2022 चौथा बजट: हलवा रस्म नहीं हुई, सबसे छोटा बजट भाषण
सीतारमण ने अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया। 1 घंटे 30 मिनट का। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा। ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है। यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं। ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास साड़ियों का खूबसूरत कलेक्शन है। उनकी साड़ियों के रंग अक्सर देश की करेंसी से मेल खाते दिखते हैं। वह कई मौकों पर 10 रुपए से लेकर 2,000 रुपए के नोट के रंग की मैचिंग साड़ी में नजर आती हैं।