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पंजाब ड्रग मामले में रिपोर्ट पर एक्शन की मांग हाईकोर्ट में एडवोकेट नवकिरण सिंह ने दायर की एप्लिकेशन; आज होगी सुनवाई

जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब में हजारों करोड़ के सिंथेटिक ड्रग मामले में एडवोकेट नवकिरण सिंह ने एक एप्लिकेशन दायर की है। इसमें मांग की गई है कि पंजाब सरकार को आदेश दिए जाए कि SIT द्वारा पेश की गई रिपोर्ट्स पर कार्रवाई करे। SIT हेड रहे सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने 1 फरवरी 2018, 15 मार्च 2018 और 8 मई 2018 को यह रिपोर्ट्स पेश की थी।

नवकिरण सिंह ने कहा है कि रिपोर्ट्स में SIT द्वारा की गई जांच का निष्कर्ष है जिसमें कथित रूप से कुछ पुलिसकर्मियों की ड्रग ट्रैफिकर्स के साथ साठगांठ सामने आई है। वहीं पंजाब सरकार पुलिस अफसरों पर नर्म पड़ गई है।

नवकिरण सिंह ने कहा है कि हाईकोर्ट आदेशों पर SIT ने 1 फरवरी, 2018 और 15 मार्च, 2018 और 8 मई, 2018 को रिपोर्ट्स पेश की। संबंधित मुद्दे को देखते हुए इन रिपोर्ट्स को देखे जाने की जरूरत है। यह अभी तक सील्ड कवर में हैं। इन रिपोर्ट्स में SIT की जांच का निष्कर्ष है जो पुलिस अफसरों की ड्रग ट्रैफिकर्स के साथ कथित लिंक को लेकर है। इन रिपोर्ट्स पर गौर करने की जरूरत है ताकि उचित कार्रवाई हो सके। बता दें कि केस की पूर्व सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि पंजाब सरकार सील्ड कवर में पड़ी रिपोर्ट्स के आधार पर एक्शन क्यों नहीं ले रहा। इस पर एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को इन रिपोर्ट्स के आधार पर एक्शन लिए जाने का आश्वासन दिया था।

नवकिरण सिंह ने कहा है कि STF की रिपोर्ट के आधार पर बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर, 2021 को पंजाब स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में NPDS एक्ट की धारा 25, 27(ए) और 29 में FIR दर्ज हुई थी। हालांकि अभी तक SIT की रिपोर्ट्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिनमें पुलिस अफसरों और ड्रग ट्रैफिकर्स की जानकारी है।


पंजाब के पूर्व DGP(जेल) शशि कांत द्वारा ड्रग्स के मुद्दे पर हाईकोर्ट को लिखे लेटर पर संज्ञान लेते हुए सितंबर 2013 में हाईकोर्ट ने यह केस(जनहित याचिका) शुरू किया था। इसमें लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल(LFHRI) नामक मानवाधिकार संस्था की तरफ से एडवोकेट नवकिरण सिंह ने भी दलीलें पेश की। हाईकोर्ट ने लगातार ड्रग मामले में पंजाब सरकार को आदेश जारी किए। पंजाब के अलावा हरियाणा और चंडीगढ़ में भी ड्रग के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर आदेश जारी किए थे।

SSP हुदंल का भी नाम उछला था
केस में बीते नवंबर, 2017 में एक सुनवाई के दौरान मामले में एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 फरवरी, 2015 की एक FIR में इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह ड्रग ट्रैफिकर्स के साथ संलिप्त पाया गया था। वह मोगा के तत्कालीन SSP राज जीत सिंह हुंदल के साथ एसोसिएटिड था। ऐसे में STF(ड्रग्स) हैड रहे हरप्रीत सिंह सिद्धू को राज जीत सिंह का रोल जांचने का सुझाव दिया गया था ताकि पुलिस और ड्रग ट्रैफिकर्स के ‘नेक्सस’ को तोड़ा जा सके। ऐसे में हाईकोर्ट ने STF हैड को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। वहीं जांच का नतीजा बताने को कहा था।

दिसंबर 2017 में राज जीत सिंह ने एप्लिकेशन दायर कर कहा था कि हरप्रीत सिंह सिद्धू से उन्हें निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अपने 28 नवंबर, 2017 के आदेशों में बदलाव कर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की SIT को संबंधित FIR में राज जीत की इंद्रजीत के साथ कथित एसोसिएशन की जांच करने को कहा था। SIT के अन्य मेंबर्स में प्रबोध कुमार और कुंवर विजय प्रताप सिंह शामिल थे।

हाईकोर्ट के आदेशों पर 20 जनवरी, 2018 को SIT ने सील्ड कवर में अपनी पहली रिपोर्ट पेश की। वहीं SIT हैड ने अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए 2 महीने का समय मांगा था। तब यह कहा गया था कि SIT बाकी गवर्नमेंट एजेंसियों की मदद ले सकती है। हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि एजेंसियां SIT के साथ सहयोग करेंगी। इसके बाद मार्च 2018 में SIT ने अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश की। आगामी जांच और विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा गया। यह समय प्रदान किया गया।

23 अप्रैल, 2018 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय SIT की अंतिम रिपोर्ट अगली सुनवाई 9 मई तक पेश करें। हालांकि एडवोकेट जनरल की मांग पर सुनवाई 23 मई तक टल गई। वहीं इससे पहले सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने अपनी 8 मई, 2018 की रिपोर्ट जमा करवाई। इसके अलावा एक अन्य रिपोर्ट पेश की मगर इसमें SIT के बाकी 2 मेंबर्स के दस्तखत नहीं थे।