जालंधर (ब्यूरो):- पंजाब के जालंधर स्थित वेरका मिल्क प्लांट में ऑउटसोर्स के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों ने देर रात धरना लगाया दिया। उन्होंने मिल्क फेडरेशन से प्रबंधकों और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनके बारे में नहीं सोच रही है, जबकि उनके स्थान पर नई भर्ती करने जा रही है। सरकार ने मिल्कफेड के तहत आते मिल्ट प्लांट्स में 500 पदों की भर्ती निकाली है।
कर्मचारियों का कहना है कि उनका धरना अनिश्चितकाल के लिए है। जालंधर वेरका मिल्क प्लांट में 350 के करीब कच्चे कर्मचारी हैं जो काम करते हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने के बाद दूध की सप्लाई प्रभावित हो सकती है। पंजाब में आमजन को भी दूध की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
500 पदों पर नए लोग भर्ती करने की बजाय उन्हें तरजीह दें वेरका मिल्क प्लांट में ठेकेदार के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने चुनाव से पहले वादा था कि सभी ठेका और आउटसोर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों को विभागों में लेकर रेगुलर किया जाएगा, लेकिन अब सरकार अपने वादे से मुकर रही है।
मिल्क फेड में 500 पदों की सीधा भर्ती निकालकर उन्हें काम से बाहर करने का रास्ता सीधा कर दिया गया है। उनके पदों पर नए लोगों को रखा जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि वह इतने दिनों से उन्हें विभाग में लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही है। सरकार ने जो ये पद निकाले हैं उन पर 10-15 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को तरजीह देकर भर्ती करें।
सारा दिन चली मीटिंग, नतीजा जीरो धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि मिल्क प्लांट में सीधी भर्ती से पहले जो लोग लंबे समय से काम कर रहे हैं उन्हें रेगुलर करने की मांग लेकर सारा दिन मीटिंग चली, लेकिन शाम को नतीजा जीरो आया। सीएम ने भी कर्मचारी संगठन के नेताओं को मीटिंग का समय नहीं दिया। जिससे वह भड़क उठे और रात को धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनका फैसला नहीं होता वह धरना खत्म नहीं करेंगे।