जालंधर (ब्यूरो): पंजाब के जालंधर में नगर निगम का कार्यकाल 25 जनवरी को खत्म हो जाएगा लेकिन निगम की हद में जुड़े नए क्षेत्रों की वजह से अभी तक न तो वार्डबंदी का काम पूरा हुआ है और न ही स्थानीय निकाय विभाग चुनाव को लेकर अभी किसी तारीख पर फैसला कर पाया है।
इतना ही नहीं कार्यकाल समापन से पहले हाउस की अंतिम बैठक होनी है। उसके प्रस्ताव भी पार्षदों के सवालों के अनुसार तय हो चुके हैं लेकिन बैठक कब होगी इस पर भी अभी संशय ही बना हुआ है।
कायदे से तो पिछले महीने दिसंबर में ही नए जुड़े क्षेत्रों और वार्डबंदी का काम पूरा हो जाना चाहिए था। इसके बाद पिछले साल के अंतिम सप्ताह में ही शहर की नई सरकार बनाने के लिए चुनाव का नोटिफिकेशन भी हो जाना चाहिए था लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह से वार्डबंदी से लेकर घर-घर जाकर सर्वे करने का काम जिस गति से चला हुआ है। उससे अगले महीने फरवरी में भी चुनाव कराए जाने की संभावना पर सवालिया निशान ही लगा हुआ है।
चुनाव से पहले नगर निगम की अंतिम बैठक होनी है। निगम के कार्यकाल को सिर्फ 21 दिन शेष बचे हैं लेकिन अभी तक बैठक कब होगी इस पर कोई भी फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि पार्षद और मेयर बैठक के लिए अपना एजेंडा दे चुके हैं। बैठक में पास होने वाले प्रस्तावों की लिस्ट भी बन चुकी है और सवाल भी जा चुके हैं, परंतु निगम के अधिकारी बैठक की डेट तय नहीं कर पा रहे हैं।
नगर निगम का पांच साल का समय पूरा हो गया, लेकिन इन पांच सालों के दौरान हुए घोटालों की जांच हुई और ना ही पांच साल के दौरान कई प्रोजेक्टों का काम पूरा हो सका। पांच साल तक शहर का अंधेरा दूर करने के लिए लगाई जाने वाली एलईडी लाइटों को लगाने में हुए घोटाले की जांच को लेकर हो हल्ला मचता रहा, लेकिन इस घोटाले की हाउस में प्रस्ताव डालने और जांच करवाए जाने के बाद नतीजा कुछ नहीं निकला।
हैरानी की बात यह है कि पांच साल में यह प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं हो पाया। अब भी शहर के आइडेंटिफाई ब्लैक स्पॉट बिना लाइट के ही हैं। प्रोजेक्ट के कंट्रोल रूम का भी अभी तक कोई अता-पता नहीं है।