जालंधर (ब्यूरो): पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासन ने जिले के जीरा हलके के गांव मंसूरवाला में शराब फैक्ट्री के बाहर करीब पांच माह से चल रहे धरने को हटाने की तैयारी कर ली है। प्रशासन की ओर से धरनास्थल के पास पुलिस के दो हजार जवानों सहित 42 अधिकारी तैनात किए गए हैं। धरने को शांतिपूर्वक उठाने के लिए पंजाब पुलिस के करीब 44 एसएसपी, एसपी तथा डीएसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती के अलावा सात स्थानों पर मेडिकल टीमें गठित की गई हैं।
इसके अलावा चार फायर ब्रिगेड, सात जेसीबी, क्रेन व चार टो-वैनों का प्रबंध भी किया गया है। वहीं धरने बैठे लोग हटने को तैयार नहीं हैं। 24 जुलाई से शुरू हुए धरने पर गांव मंसूरवाला सहित अन्य गांवों के लोग जुटने शुरू हो गए हैं। धरनास्थल पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ भी करवाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है है कि अगर उन्हें जबरन उठाने की कोशिश की गई तो पूरे पंजाब में संघर्ष किया जाएगा। हालांकि प्रशासन इस बार सख्त एक्शन लेने की तैयारी में है। डिप्टी कमिश्नर अमृत सिंह ने बताया कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले में अब 20 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।
प्रशासन की ओर से कोर्ट के आदेश पर करीब 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की सूची तैयार की गई है और उनकी प्रापर्टी अटैच करने संबंधी प्रक्रिया भी अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस के मुताबिक जिन 21 प्रदर्शनकारियों के असला लाइसेंस कैंसिल करने संबंधी सिफारिश की गई थी, प्रशासन ने उन 21 लाइसेंस को सस्पेंड करके सभी के असला थानों या डीलरों के पास जमा करवा लिए हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रदर्शनकारी कोर्ट के आदेशों मुताबिक प्लांट से 300 मीटर की दूरी पर धरना लगाएं और प्लांट में रूटीन की भांति काम काम चलने दें।
प्रदर्शनकारियों की संपत्ति अटैच करने की तैयारी हाईकोर्ट धरना न हटाने पर लगा चुका है 20 करोड़ रुपये जुर्माना हाईकोर्ट में मालब्रोज फैक्ट्री द्वारा डाली गई रिट पिटीशन में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के अधिकारियों को तलब कर धरना उठवाने तथा एथनायल प्लांट को हुए नुकसान संबंधी 15 करोड़ की राशि जमा करवाने के आदेश जारी किए थे। इससे पहले भी कोर्ट की ओर से पांच करोड़ की राशि जमा करवाने के आदेश दिए थे। कुल राशि 20 करोड़ रुपये जुर्माना हो चुका है।