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Shraddha के पिता विकास वालकर आये पहली बार सामने, कहा : जैसा मेरी बेटी के साथ हुआ वैसा किसी के साथ न हो, आफताब को फांसी मिले

जालंधर (ब्यूरो): Shraddha Walkar के पिता विकास वालकर शुक्रवार को पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि अभी जांच सही चल रही है, लेकिन वसई, तुलिंज पुलिस पहले इस मामले को गंभीरता से लेती तो शायद मेरी बेटी की जान बच सकती थी। विकास ने कहा- मैं नहीं चाहता जैसा मेरी बेटी के साथ वैसा किसी और के साथ हो। मैं अपनी बेटी के लिए न्याय चाहता हूं, इसलिए उसके हत्यारे आफताब को फांसी मिले। मैंने अपनी बेटी से बात करने की कोशिश की लेकिन पिछले दो सालों में उसने मुझे कोई जवाब नहीं दिया। मुझे कभी नहीं बताया गया कि मेरी बेटी के साथ क्या हो रहा है।

उन्होंने बताया कि आखिरी बार मेरी श्रद्धा से 2021 में बात हुई थी। उसने बताया वह बेंगलुरु में रहती है। मैंने 26 सितंबर को आफताब से बात की और बेटी के बारे में पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।

पढ़िए श्रद्धा के पिता ने और क्या कहा: दिल्ली पुलिस ने हमें भरोसा दिलाया है कि हमें न्याय मिलेगा। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मुझे न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। मेरी बेटी की बेरहमी से हत्या की गई। वसई पुलिस की वजह से मुझे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अगर उन्होंने मेरी मदद की होती तो मेरी बेटी जिंदा होती।
मैं आफताब पूनवाला के लिए भी इसी तरह के सबक की उम्मीद करता हूं जैसे उसने मेरी बेटी की हत्या की। घटना में शामिल आफताब के परिजनों, रिश्तेदारों व अन्य सभी के खिलाफ जांच की जाए।
मैं श्रद्धा और आफताब के रिश्ते के खिलाफ था। मैं श्रद्धा के साथ हुई घरेलू हिंसा से अनजान था। मुझे लगता है, उसके परिवार को पता था कि वह उसके साथ क्या कर रहा था।
डेटिंग ऐप्स की वजह से ही श्रद्धा आफताब के संपर्क में आई। आफताब ने ही श्रद्धा को घर छोड़ने के लिए बहकाया। 18 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जाना चाहिए। जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ ना हो।


श्रद्धा के पिता की वकील बोलीं- डेटिंग ऐप्स पर नजर रखी जाए: श्रद्धा के पिता की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि लोगों को डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करने का अधिकार है, लेकिन इन डेटिंग ऐप्स पर नजर रखी जानी चाहिए। अपराधी और आतंकवादी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। मुझे लगता है चार्जशीट में आफताब के परिवार के सदस्यों के भी नाम होने चाहिए।
आफताब-श्रद्धा 8 मई को दिल्ली पहुंचे, 18 को कत्ल: आफताब-श्रद्धा मुंबई से दिल्ली 8 मई को आए थे। यहां से पहाड़गंज के होटल और फिर साउथ दिल्ली में रहने लगे। साउथ दिल्ली के बाद महरौली के जंगल के पास फ्लैट लिया था। दिल्ली पहुंचने के 10 दिन बाद यानी 18 मई को 28 साल के आफताब ने श्रद्धा का मर्डर कर दिया और उसके 35 टुकड़े किए, जिन्हें उसने लगभग तीन हफ्ते तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा। इसके बाद हर रोज इन टुकड़ों को मेहरौली के जंगल में फेंकने जाता था। आफताब ने वारदात से पहले अमेरिकी क्राइम शो डेक्स्टर समेत कई क्राइम मूवीज और शोज देखे थे।