जालंधर (ब्यूरो): मृणाल (बदला हुआ नाम) एक बिजनेसवुमन हैं। हाल ही में उनका तलाक हुआ तो उन्होंने झट से अपने दोस्तों को डिवोर्स पार्टी के लिए इनवाइट भेज दिया। पार्टी के दिन जब दोस्त इकट्ठा हुए तो मृणाल की आंखों में आंसुओं की जगह एक नई चमक देखकर खुश हुए और उन्हें बहुत तसल्ली हुई। दरअसल, शादी के बाद मृणाल लंबे समय तक घरेलू हिंसा के बीच जीती रहीं। इस उम्मीद में कि शायद कभी तो हालात सुधरेंगे। हालात सुधरे नहीं और दर्द बढ़ता गया और जब यही दर्द बर्दाश्त के बाहर हो गया तो उन्होंने शादी को खत्म करने का फैसला लिया। आज वह दर्द से मिली आजादी का जश्न मना रही हैं। उनका कहना है कि आप चाहें तो इसे डिवोर्स पार्टी कह सकती हैं। लेकिन मैं इसे जीने और सांस लेने की आजादी कहना चाहूंगी। इसीलिए मैंने अपने दोस्तों और शुभचिंतकों को बुलाने के लिए इनविटेशन पर लिखा ‘आजादी का जश्न।’
भारत में अब डिवोर्स पार्टी का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है।
आखिर होती क्या है डिवोर्स पार्टी ? आइए आपको बताते हैं।
डिवोर्स पार्टी बनी ट्रेंडी
जिंदगी के हर बड़े मौके और सफलता पर हम जश्न मनाते हैं। चाहे वह बर्थडे हो, एनिवर्सरी, बेबी शॉवर, प्रमोशन या रिटायरमेंट हो। ठीक इसी तरह जब आप एक दर्दनाक रिश्ते से बाहर निकलते हैं तब भी पार्टी की जाती है। सिंगल हैं और रिलेशनशिप में हैं तो ब्रेकअप पार्टी। अगर मैरिड हैं और रिश्ते से नाखुश हैं तो उससे बाहर आने के बाद का जश्न कहलाता है- डिवोर्स पार्टी।
डिवोर्स पार्टी का चलन ज्यादा पुराना नहीं है। लेकिन धीरे-धीरे इसका ट्रेंड भारत में बढ़ता नजर आ रहा है क्योंकि यहां भी अब तलाक के मामले बढ़ चले हैं। यह एक तरह की रिवर्स बैचलर्स पार्टी है, जिसे माना जाता है कि आप एक बार फिर से एक नए रिश्ते की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं।
अमेरिका से शुरू हुआ कल्चर
यूं तो दुनिया का पहला लीगल डिवोर्स अमेरिका के मेरीलैंड में 1701 में रिकॉर्ड हुआ। लेकिन डिवोर्स पार्टी का ट्रेंड इसके करीब 300 साल बाद 2006 में जाकर शुरू हुआ।
अमेरिकन मॉडल और एक्ट्रेस शन्ना मोकलर ने लास वेगस में ‘डेड ग्रूम केक’ के साथ पार्टी की थी। तब से अमेरिका में लास वेगस डिवोर्स पार्टी का
अड्डा बन गया।
नए नवेले इंडियन तलाकशुदा थाईलैंड-दुबई में मनाते हैं डिवोर्स पार्टी
एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत में डिवोर्स पार्टी अभी इतनी पॉपुलर नहीं हुई है। यहां डिवोर्स पार्टी का मतलब है नजदीकी दोस्तों के साथ जश्न और पुरानी यादों को जहन से मिटाकर कहीं दूर दफन कर देना।
डिवोर्स के बाद कई महिलाएं अपने फ्रेंड्स के साथ थाईलैंड, दुबई या भारत में ही किसी लोकेशन पर पार्टी का प्लान बना लेती हैं। पुरुषों के बीच भी यही पॉपुलर डिवोर्स पार्टी डेस्टिनेशन हैं।
म्यूचुअल डिवोर्स करने वाले कपल्स एक साथ करते हैं सेलिब्रेट
जिन कपल्स का आपसी सहमति के साथ डिवोर्स होता है, वे कई बार एक साथ डिवोर्स पार्टी होस्ट करते हैं। दिल्ली की इवेंट प्लानर कंपनी से जुड़ी एंकर/होस्ट ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि इंडिया में कपल्स इस तरह की पार्टी होस्ट तो करते हैं लेकिन उसे सीक्रेट रखना चाहते हैं।
इसमें केवल दोस्त या नजदीकी लोग ही शामिल होते हैं। अभी भी हमारी सोसायटी में डिवोर्स को थोड़ी टेढ़ी नजर से देखा जाता है। पार्टी भी वही करते हैं जो खुशी-खुशी उसका खर्चा उठा सकें और उनकी जिंदगी में आने वाला अगला पल उन्हें पता हो। अपने दोस्तों को तलाक की जानकारी देना तो एक बहाना भर है, असली जश्न तो गलत रिश्ते से छुटकारा पाने का होता है।
हवन, जयमाला विसर्जन के साथ भोपाल में पार्टी प्लान
कुछ महीने पहले भोपाल में ‘भाई वेलफेयर सोसायटी’ नाम के एनजीओ ने ‘विवाह विच्छेद समारोह’ कार्यक्रम रखा था। यह एक तरह की डिवोर्स पार्टी ही थी। इसमें उन 18 पुरुषों को बुलाया गया जिनका तलाक हुआ था। इस प्रोग्राम में डिनर के साथ ही जयमाला विसर्जन, बारात निर्गमन, जेंट्स संगीत, सद्बुद्धि शुद्धिकरण यज्ञ और शादी टूटने की डिग्री बांटने जैसे इवेंट भी रखे गए।
‘भाई वेलफेयर सोसायटी’ के प्रेजिडेंट जकी अहमद ने वुमन भास्कर को बताया कि ‘संस्कृति बचाओ मंच’ के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और भोपाल में होने वाली इस ग्रुप डिवोर्स पार्टी की बुकिंग कैंसल करा दी। हालांकि यह कार्यक्रम लखनऊ में जरूर हुआ।
जकी अहमद ने बताया कि उनकी संस्था ‘सेव इंडियन फैमिली’ से जुड़ी हुई है जो भारत में पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करती है।
दरअसल डिवोर्स कोई अच्छी बात नहीं है। इसकी लंबी प्रक्रिया में कई बार पुरुष गलत आरोपों के चलते डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए इनकी संस्था की हर हफ्ते बैठक होती है और ऐसे हर पुरुष के साथ केक काटा जाता है जिसका ताजा-ताजा तलाक हुआ हो।
खुद की जीत का जश्न और दोस्तों को थैंक्स बोलने का ढंग
मनोचिकित्सक और लाइफ कोच दामिनी ग्रोवर कहती हैं कि जब कोई रिश्ता खत्म होता है तो लोग इसे अलग-अलग ढंग से हैंडल करते हैं।
कुछ लोग खुद की जीत, आजादी या जिंदगी की नई शुरुआत का जश्न मनाते हैं। कुछ स्ट्रेस दूर भगाने के लिए पार्टी करते हैं। तलाक हर इंसान के लिए एक मुश्किल वक्त होता है।
ऐसे में कई लोग साथ खड़े होते हैं। डिवोर्स पार्टी उन दोस्तों को शुक्रिया कहने का तरीका है जिन्होंने बुरे वक्त में उनका साथ दिया।
कुछ लोग शो ऑफ भी करते हैं
दामिनी ग्रोवर के अनुसार डिवोर्स पार्टी करना एक निजी फैसला होता है। कई बार कुछ लोगों का सेलिब्रेशन के पीछे अलग ही मकसद होता है।
वे पार्टी के जरिए एक्स पार्टनर को यह मैसेज देना चाहते हैं कि उन्हें टूट चुके रिश्ते का कोई दर्द नहीं।
उन्हें डिवोर्स से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे अब अपनी जिंदगी में खुश हैं और दुनिया को अपनी खुशी का शो ऑफ करने के लिए पार्टी करते हैं।
मनाेचिकित्सक दामिनी ग्रोवर कहती हैं कि शो ऑफ की भावना से की गई पार्टी का कोई मतलब नहीं बनता क्योंकि यह व्यक्ति में पनप रही नेगेटिव एनर्जी को दर्शाता है जो कि हेल्दी नहीं है।
जापान में हथौड़े से तोड़ी जाती है वेडिंग रिंग
केक के टॉप पर सिंगल दुल्हन, केक के नीचे गिरा हुआ दूल्हा, कप केक पर ‘न्यूली अनवेड’ और ‘जस्ट डिवोर्स्ड’ जैसे शब्द डिवोर्स पार्टी की शान बढ़ा रहे हैं।
जापान में तो अनोखे तरीके से डिवोर्स सेरेमनी होती है। यहां शादी की अंगूठी को हथौड़े से तोड़ा जाता है और अंगूठी को मेंढक की शेप में बने शो पीस में डाल दिया जाता है क्योंकि जापान में मेंढक को केरू (Kaeru) यानी बदलाव की निशानी माना जाता है। यह नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
तलाकशुदा महिला का समाज में होता है स्वागत
उत्तरी अफ्रीका में रहने वाली बेडानी जनजाति के लोग भी डिवोर्स पार्टी करते रहे हैं। ऐसा करके वह तलाकशुदा महिला का दोबारा अपने समाज में स्वागत करते हैं और लोगों को बताते हैं कि महिला दोबारा शादी करने के लिए स्वतंत्र है।
चर्च में होती है शादी की तरह डिवोर्स सेरेमनी
नॉर्थ अमेरिका में Unitarian Universalism धर्म में डिवोर्स को ‘सेरेमनी ऑफ होप’ माना जाता है। यह इवेंट लोगों के सामने होता है जिसमें कपल मौजूद होते हैं और दोनों एक-दूसरे को माफ करते हैं।
अमेरिका के ही United Methodist church में भी डिवोर्स सेरेमनी आयोजित की जाती है।
अमेरिका में जनवरी में लोग ज्यादा करते हैं डिवोर्स केस फाइल
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन ने तलाक पर स्टडी की। इसमें पाया गया कि लोग सबसे ज्यादा जनवरी में डिवोर्स फाइल करते हैं। इसके पीछे की वजह है छुटि्टयां। दरअसल, क्रिसमस और न्यू ईयर बीतने के बाद लोग नए साल से नई शुरुआत करने की सोचते हैं। अमेरिका में इसका कारण टैक्स सिस्टम भी माना गया। लोग साल के अंत तक टैक्स के मामले निपटाने के बाद ही तलाक की अर्जी डालते हैं। जनवरी में केस फाइल होने के बाद अमेरिका में मार्च में सबसे ज्यादा लोगों को तलाक मिलता है।
रिश्ते में समर्पित ना होना डिवोर्स की टॉप वजह
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा डिवोर्स का कारण रिश्ते के प्रति समर्पण की कमी है। दूसरा कारण एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर हैं। इसके बाद बहस बाजी और विचारों का मतभेद शादी टूटने का कारण बनता है। हमारे समाज में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। इस समाज में रिश्तों की कद्र भी सबसे ज्यादा होती है, शायद इसलिए चाहे कपल हों, उनके घरवाले हों, मैरिज काउंसलर हों या फिर फैमिली कोर्ट, सभी शादी को आखिरी समय तक बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जो दिलों को जोड़कर रखने की बजाए, साथ रह रहे लोगों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तौर पर नुकसान पहुंचाते जाते हैं। इसका असर उन बच्चों पर भी पड़ता है जिनका बचपन ऐसे रिश्तों की छाया में पनपता है। ऐसे में आपसी रजामंदी और खुशी से अलग होना जिंदगी को एक और मौका देने जैसा है। हालांकि, हमारे देश में अभी कपल्स, बच्चों और दूसरे फैमिली मेंबर्स के लिए पोस्ट डिवोर्स काउंसिलिंग का चलन नहीं है। जबकि पश्चिमी समाज में ये मैरिज और डिवोर्स का अहम हिस्सा होता है, जो पोस्ट डिवोर्स डिप्रेशन से बचाता है और जिंदगी नई शुरुआत करने का हौसला देता है।तो गम तलाक का हो या किसी और चीज का, दुख भुलाओ और जश्न मनाओ।