You are currently viewing बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक का खर्च उठाएगी सरकार, ऐसे उठाएं फायदा

बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक का खर्च उठाएगी सरकार, ऐसे उठाएं फायदा

जालंधर (ब्यूरो): अगर आपने बेटी को जन्म दिया है तो सरकार की यह स्कीम आपके काम आ सकती है. क्योंकि अब केन्द्र सरकार बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक का खर्चा उठाएगी.
बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए केंद्र सरकार ने 2 अक्टूबर 1997 को एक ऐसी योजना की शुरुआत की थी. जिससे समाज में लड़कियों के लिए सकारात्मक
बदलाव आ सके. उस योजना का नाम बालिका समृद्धि योजना है. इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों को भारत सरकार द्वारा लाभ दिया जाएगा. साथ ही ये योजना सिर्फ उन परिवारों के लिए है, जिनके घर में 15 अगस्त 1997 के बाद बेटी का जन्म हुआ हो. योजना के तहत अधिकतम एक परिवार की दो बेटियां ही लाभ ले सकती हैं.
बदलाव आ सके. उस योजना का नाम बालिका समृद्धि योजना है. इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों को भारत सरकार द्वारा लाभ दिया जाएगा. साथ ही ये योजना सिर्फ उन परिवारों के लिए है, जिनके घर में 15 अगस्त 1997 के बाद बेटी का जन्म हुआ हो. योजना के तहत अधिकतम एक परिवार की दो बेटियां ही लाभ ले सकती हैं.

बता दें कि दुनिया में कोई भी समाज हो, कोई भी देश हो, वह बेटियों, महिलाओं के बिना चल ही नहीं सकता है. लेकिन बजाय इसके देश और दुनिया में महिलाओं को जिंदा रहने से लेकर मूल अधिकारों की प्राप्ति तक के लिए लड़ाई करनी पड़ती है. उनकी इन्हीं मुश्किलों को कुछ आसान करने के लिए और बेटियों के अच्छे जीवन, परवरिश और विकास के लिए भारत सरकार अक्सर कारगर योजनाओं को लागू करने के लिए अग्रसर रहती है. ताकि महिलाओं का जीवन संवर सकें.

जानिए क्या है बालिका समृद्धि योजना?

सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत समाज में लड़कियों और उनकी पढ़ाई/आत्मनिर्भरता को लेकर बढ़ती नकारात्मकता को देखकर की गई थी. साल 1997 में इस योजना को लागू किया गया था,
जिसकी सहायता से मां और बच्ची अच्छे जीवन की पहल कर सके. बालिका समृद्धि योजना में सरकार बेटियों के जन्म और शिक्षा के लिए अपना समर्थन प्रदान करती है..

1991

बेटी के जन्म के वक्त मां को 500 रुपए की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाती है तथा बालिका की शिक्षा हेतु सालाना तौर पर छात्रवृत्ति की सुविधा प्रदान की जाती है. योजना के तहत शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रहने वाले वो परिवार जो बीपीएल के नीचे जीवन यापन करते हैं तो लाभ ले सकते हैं.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवार ही योजना का लाभ ले सकेंगे.

15 अगस्त 1997 के बाद जिन बेटियों का जन्म हुआ

हो केलव बेटियां सही आवेदक मानी जाएंगी. जब तक बालिका 18 साल की नहीं हो जाती, तब तक ही योजना का लाभ मिलेगा.

बेटियों के बालिग होने के बाद ही अकाउंट से पैसा निकाला जा सकता है.

बेटी की बालिग होने से पहले ही शादी कर दी जाती है, तो बालिका समृद्धि योजना के तहत मिलने वाली छात्रवृत्ति और उसके ब्याज के कोई पैसे ही हकदार नहीं होगी.
बेटी की बालिग होने से पहले ही शादी कर दी जाती है, तो बालिका समृद्धि योजना के तहत मिलने वाली छात्रवृत्ति और उसके ब्याज के कोई पैसे ही हकदार नहीं होगी.

बेटी की बालिग होने से पहले ही शादी होने पर केवल 500 रुपये की जन्मोत्र अनुदान राशि और उस पर लगा ब्याज ही मिलेगा.

बेटी की किसी कारणवश 18 साल के होने से पहले मृत्यु हो जाती है. तो एजेंसी द्वारा इस राशि को इस स्कीम के अन्य पात्र लाभार्थियों को दे दिया जाएगा.

इतनी स्कॉलरशिप मिलेगी | Balika Samriddhi Yojana Scholarship

पहली से लेकर तीसरी कक्षा तक बालिका को सालाना 300 रुपए की सहायता राशि मिलेगी. कक्षा चौथी पर प्रवेश प्राप्त करने पर 500 रुपए मिलेंगे.

पांचवीं कक्षा में दाखिल होने पर ये राशि 600 रुपए हो छठवीं और सातवीं कक्षा में प्रवेश करने पर छात्रवृत्ति

की राशि 700 रुपए होगी. आठवीं कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने पर बालिका 800 रुपए की राशि की हकदार होगी.

नौवीं और दसवीं कक्षा में बिटिया को 1000 रुपए की छात्रवृत्ति राशि मिलेगी.
कैसे करें आवेदन? | Balika Samriddhi Yojana apply

ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले परिवार बालिका समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए, बेटियों का नाम किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र में जाकर लिखवा सकते हैं. आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से लाभार्थी परिवार का आवेदन पूर्ण कर दिया जाएगा.

ऐसा आप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर भी कर सकते हैं.

लाभार्थी परिवार ऑनलाइन आवेदन भी डाल सकते हैं. बशर्ते आपको सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी सही तरीके से भरनी बहुत जरूरी है. महत्वपूर्ण दस्तावेज | Balika Samriddhi

Yojana Documents

बालिका का जन्म प्रमाण पत्र.

अभिभावक का पता आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, वोटर आईडी या सरकार द्वारा जारी की गई कोई कानूनी आईडी जिसमें पते का प्रमाण हो. मां या बेटी का बैंक अकाउंट.

अभिभावक का पहचान प्रमाण पत्र पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि.